नई दिल्ली। दिल्ली के गोकलपुरी थाने में एक घर से एमसीडी की सील तोड़ने के मामले में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला नहीं बनता है, क्योंकि उन्होंने कोर्ट की अवमानना नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस मामले से मॉनिटरिंग कमेटी के निर्देश का कोई लेना देना नहीं था, इसलिए वो माफी नहीं मांगेंगे। मनोज तिवारी ने ये भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट अपनी मॉनिटरिंग कमेटी को भंग करे और वो खुद सीलिंग अफसर बनने को तैयार हैं।
मनोज तिवारी ने कहा कि इसमें पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने गैर कानूनी काम किया है और पता नहीं क्या कारण है कि मॉनिटरिंग कमिटी ने ओखला, जामिया, शाहीन बाग, नूर नगर और जौहरी फॉर्म्स जैसे इलाकों में कोई सीलिंग नहीं कर रही है, जबकि वहां पर पांच से सात मंजिला इमारतें बनी हुई हैं। तिवारी ने ये भी कहा कि दिल्ली के लोगों को राहत देने और कानून का राज स्थापित करने के लिए मैं सीलिंग ऑफिसर बनने को तैयार हूं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 25 सितंबर को मनोज तिवारी कोर्ट में पेश हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी के सीलिंग पर मीडिया में दिए बयान पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि आपने बयान दिया है कि एक हजार संपत्तियां ऐसी हैं जो सील होनी चाहिए। आप लिस्ट दें हम आपको सीलिंग अधिकारी बना देंगे। कोर्ट ने अवमानना नोटिस का जवाब दाखिल करने के लिए तिवारी को एक सप्ताह का समय दिया था।
उनके वकील ने कहा कि जवाबी हलफनामा देने से पहले वे तिवारी के बयान की सीडी देखें। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मनोज तिवारी को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न अवमानना की कार्रवाई चलाई जाए। सीलिंग मामले की सुनवाई के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि तिवारी ने एक इमारत की सील तोड़ी है। ये न सिर्फ सरकारी काम मे दखल है, बल्कि अदालत की भी अवमानना है। ऐसे में मनोज तिवारी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई चलाई जानी चाहिए।
दिल्ली बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ गोकलपुरी थाने में एक घर से एमसीडी की सील तोड़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। मनोज तिवारी के खिलाफ एमसीडी के अधिकारियों के द्वारा शिकायत करने के बाद आईपीसी की धारा 188, 461 और 465 डीएमसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
16 सितंबर को दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गोकलपुरी में एक मकान में पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा लगाई गई सील तोड़ दी थी। मनोज तिवारी अपने लोकसभा क्षेत्र में सड़क के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे। तभी लोगों ने उन्हें घेरकर सीलिंग से निजात दिलाने की मांग की थी।
लोगों ने उन्हें एक मकान दिखाया जिस पर पूर्वी निगम की तरफ से सील लगाई गई थी। बीजेपी नेता ने तुरंत ही एक ईंट उठाकर मकान की सील तोड़ दी थी। जिस मकान पर सील लगी थी, वो रिहायशी मकान था। कुछ समय पहले निगम की तरफ से उस मकान को अवैध निर्माण के चलते सील कर दिया गया था। घटना के सामने आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले में ट्वीट कर बीजेपी पर भी आरोप लगाया था।