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1.6 लाख गांवों तक वाई फाई सेवा पहुंचाने के लिए सरकार ने बनाई ये रणनीति
By Deshwani | Publish Date: 26/9/2018 11:05:30 AM
1.6 लाख गांवों तक वाई फाई सेवा पहुंचाने के लिए सरकार ने बनाई ये रणनीति

नई दिल्ली। डिपॉटमेंट ऑफ टेलिकॉम की ओर से वर्ष के अंत तक ग्राम पंचायतों तक वाई फाई सेवा पहुंचाने के लिए भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत टेंडर जारी कर दिया जाएगा। यह जानकारी टेलिकॉम सिचव अरुणा सुंदराजन ने दी। उन्होंने कहा कि इस टेंडर के तहत 12.5 लाख वाई फाई हॉटस्पॉट लगाने का काम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश है कि भारत नेट के तहत देश के हर नागरिक तक इंटरनेट को पहुंचाया जाए। इसी के तहत वर्ष के अंत तक ग्राम पंचायतों तक वाई फाई सेवा उपलब्ध कराने के लीए टेंडर जारी किए जाएंगे।
 
इस प्रोजेक्ट के तहत लगभग 1.16 लाख ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट सेवा पहुंचाने की तैयारी की जा चुकी है। वहीं लगभग 70 हजार ग्राम पंचायतों तक वाई - फाई सेवा को पहुंचा दिया गया है। गौरतलब है कि नई टेलिकॉम पॉलिसी के तहत केंद्र सरकार वर्ष 2022 तक देश के लगभग 70 करोड़ लोगों को इंटरनेट की सेवा पहुंचाने का प्रयास कर रही है। फिलहाल देश के मात्र 30 करोड़ लोग इंटरनेट की सेवा का प्रयोग कर रहे हैं। भारत नेट प्रोजेक्ट सरकार के नेशनल ऑपटिकल फाइबर नेटवर्क का नया नाम है। इस प्रोजेक्ट को अक्तूबर 2011 में लांच किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत देश की 2.5 लाख ग्रामपंचातों तक इंटरनेट की सेवा को पहुंचाया जाना है।
 
मोबाइल इंटरनेट डाउनलोड स्पीड के मामले में भारत को दुनियाभर में 109वां स्थान मिला है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। भारत विश्व का सबसे बड़ा मोबाइल डाटा उपभोक्ता है। ऊक्ला के स्पीडटेस्ट सूचकांक के अनुसार, देश में मोबाइल इंटरनेट की औसत डाउनलोड स्पीड पिछले साल नवंबर के 8.80 mbps से बढ़कर इस साल फरवरी में 9.01 mbps पर पहुंच गई। हालांकि, इसके बाद भी देश की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ और भारत 109वें स्थान पर ही बरकरार रहा। नॉर्वे 62.07 mbps की औसत स्पीड के साथ पहले स्थान पर रहा।
 
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने दिसंबर में दावा किया था कि देश 150 करोड़ गीगाबाइट खपत के साथ विश्व का सबसे बड़ा डाटा उपभोक्ता है। उन्होंने कहा था कि यह अमेरिका और चीन की संयुक्त खपत से अधिक है। ऊक्ला सूचकांक के अनुसार देश ने ब्राडबैंड के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है। इस लिहाज से देश पिछले साल के 76वें स्थान की तुलना में इस साल फरवरी में 67वें स्थान पर आ गया।
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