शिक्षाविदों से संवाद में बोले राहुल गांधी: कठिन परिस्थितियों में काम करने वाले शिक्षक देश के बेहद अहम संसाधन हैं
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के सिरी फोर्ट में देश के अलग-अलग हिस्सों के शिक्षाविदों से संवाद किया। शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं यहां एक छात्र के रूप में आपको सुनने आया हूं। देश में शिक्षा तंत्र को लेकर मेरे अपने विचार हैं। मगर मैं देश में शिक्षा प्रणाली को लेकर आपकी समझ को भी स्वीकारता हूं क्योंकि आप लोग लड़ाई लड़ रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं यहां शिक्षक के तौर पर नहीं आया हूं, बल्कि छात्र के रूप में आया हूं ताकि आपके विचारों को सुन सकूं। देश की शिक्षा प्रणाली के संबंध में मेरी भी सोच है, लेकिन मैं शिक्षा प्रणाली के संबंध में आपके विचारों को जानना चाहता हूं, क्योंकि आप इस लड़ाई को लड़ रहे हैं । जहां तक भारतीय शिक्षा प्रणाली का संबंध है, दो चीजें ऐसी हैं जिन पर समझौता नहीं हो सकता। शिक्षकों को अभिव्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए और शिक्षकों को उनके अपने भविष्य के लिए दृष्टिकोण दिया जाना चाहिए।
राहुल ने आगे कहा कि हर कोई भारतीय शिक्षा प्रणाली की सफलता के बारे में बात करता है। जब ओबामा ने कहा कि अमेरिका के लिए असली चुनौती भारत से आने वाले इंजीनियर / डॉक्टर / वकील हैं, तो वो यहां की बिल्डिंग की नहीं, बल्कि भारत के शिक्षकों की प्रशंसा कर रहे थे। हमारी प्रणाली की नींव सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली है। इसका मतलब यह नहीं है कि निजी संस्थानों के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन पथप्रदर्शक निश्चित तौर पर सार्वजनिक संस्थान होने चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को शिक्षा को रणनीतिक संसाधन के तौर पर देखना चाहिए और इसके लिए पर्याप्त पैसा देना चाहि। आजादी के बाद से हर सरकार ने सफलता हासिल की है। आज शिक्षकों पर एक ख़ास विचारधारा थोपी जा रही है, और मैं इसे समझता हूं। एक अरब से अधिक लोगों का देश शायद एक ख़ास सोच पर नहीं चलाया जा सकता है। दरअसल हम अपने लोगों को अभिव्यक्ति की इजाजत देते हैं, यही हमारे देश की ताकत है। शिक्षक देश के बेहद महत्वपूर्ण संसाधन हैं, जो काफी कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं। दरअसल, राहुल गांधी का यह कार्यक्रम पहले 18 अगस्त को प्रस्तावित था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक की वजह से इसे स्थगित कर दिया गया था।