राष्ट्रीय
पाकिस्तानी सैनिकों ने BSF जवान के साथ की शहीद हेमराज जैसी 'बर्बरता', गले पर मिला कटे का निशान
By Deshwani | Publish Date: 20/9/2018 11:07:30 AMनई दिल्ली। जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में मंगलवार को बीएसएफ जवान 50 वर्षीय नरेंद्र सिंह शहीद हो गए थे। पाकिस्तानी रेंजरों ने उनकी हत्या करने से पहले उन्हें ढेरों यातनाएं दी थीं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब नरेंद्र सिंह का शव मिला तो उनके गले पर कटे का निशान था। उन्हें कई गोलियां मारी गई थीं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) ने भारतीय जवान की यह हालत की। पाकिस्तान की बैट टीम 3 साल में 3 बार हमले कर चुकी है। बीएसएफ ने इस घटना को लेकर कड़ा विरोध जताया है। 5 साल पहले 2013 में पाकिस्तानी सैनिकों ने बैट टीम के साथ मिलकर सिपाही हेमराज का सिर काट दिया था।
नरेंद्र सिंह का शव उनके लापता होने के करीब 6 घंटे बाद मिला। बीएसएफ के बयान में कहा गया है कि मंगलवार सुबह 10।40 मिनट पर रामगढ़ सेक्टर पर पाकिस्तान की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। उस समय वहां बीएसएफ की एक पार्टी मौजूद थी। वह पेट्रोलिंग पर निकली थी। इस दौरान ही नरेंद्र सिंह अपनी पार्टी से बिछड़ गए। बीएसएफ ने उनकी खोजबीन शुरू की। पाकिस्तानी रेंजरों से भी इसमें मदद मांगी गई। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक पेट्रोलिंग के पहले बीएसएफ ने पाकिस्तानी रेंजरों को यह खबर भिजवाई गई थी कि उसकी पार्टी उस एरिया में निकलेगी। यह सूचना स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (SOP) के तहत साझा की गई थी। सूचना में बताया गया था कि 176 बटालियन के 8 जवान उस एरिश में निकले हैं। लेकिन पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने नापाक हरकत कर डाली।
भारत ने सैन्य अभियान निदेशालय स्तर की वार्ता के दौरान बीएसएफ जवान की हत्या पर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है। सेना के सूत्रों ने कहा, 'बातचीत के दौरान भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ जवान को निशाना बनाकर किए गए संघर्षविराम उल्लंघन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।' घटना के बाद सुरक्षाबलों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ‘हाई अलर्ट’ जारी कर दिया गया था। सूत्रों ने बताया कि हेड कांस्टेबल कुमार को 3 गोली लगीं और उनका शव छह घंटे के बाद भारत-पाक बाड़बंदी के पास मिल पाया, क्योंकि पाकिस्तानी पक्ष ने सीमा पर संयम बनाए रखने और बीएसएफ के खोजी दलों पर गोलीबारी न होना सुनिश्चित करने के आह्वान पर 'कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।'
2017 में उत्तरी कश्मीर के हज्जान इलाके में आतंकवादियों ने बीएसएफ के जवान की उसके घर में घुसकर हत्या कर दी थी और परिवार के 4 सदस्यों को घायल कर दिया। शहीद जवान रमीज पारी (30) का ताल्लुक बीएसएफ की 73वीं बटालियन से था। आतंकवादी बीएसएफ जवान के घर में दाखिल हुए और परिवार के सदस्यों पर अंधाधुंध गोलीबारी करने लगे। बीएसएफ जवान की मौके पर ही मौत हो गई।