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जयपुर पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त रावत ने कहा- अपराधियों के चुनाव लड़ने पर होनी चाहिए रोक
By Deshwani | Publish Date: 20/9/2018 10:56:50 AMनई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में चल रही चुनावी सरगर्मी के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत चुनाव पूर्व तैयारियों का जायजा लेने बुधवार को जयपुर पहुंचे। यहां उन्होंने राज्य चुनाव आयोग की तैयारियों की समीक्षा के बाद मीडिया से बातचीत में चुनावों में अापराधिक तत्व के भाग लेने पर अपनी राय रखी। साथ हीं फेक और पेड न्यूज़ सहित निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने को लेकर हो रही तैयारीयों के बारे में बताया।
जयपुर में बुधवार(19 सितम्बर) को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान रावत ने कहा की चुनाव आयोग शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से पुरे प्रदेश में चुनाव कराने को पूरी तरह प्रतिबद्ध है और पुरे प्रदेश में इस बाबत चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। रावत ने बताया की काले धन का आने वाले चुनाव में इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोकथाम के लिए आयोग ने अनेक सख्त कदम उठायें हैं। इस बाबत पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों को उचित निर्देश दिए गए हैं। आपराधिक मामलों के आरोपियों के चुनाव में भाग लेने के संबंध में उन्होंने अपनी राय रखते हुये कहा की ऐसे लोगो को चुनावी प्रक्रिया से पूरी तरह बाहर रखना चाहिए, लेकिन फिलवक्त इसका प्रस्ताव अभी क़ानूनी प्रक्रिया में रुका हुआ है। आचार संहिता लागू होने के बाद उसके उल्लंघन के बाबत आम लोग चुनाव आयोग द्वारा बनायी गई 'सी-विजिल एप्प' के माध्यम से अपनी शिकायतों को दर्ज करवा सकेंगे और उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा।
चुनाव के दौरान फेक और पेड न्यूज़ पर रोकथाम के लिए अखबारों और न्यूज़ चैनल पर आने वाली ख़बरों पर चुनाव आयोग लगातार निगरानी रखेगी । साथ हीं सोशल मीडिया पर भी चल रहे खबरों और पोस्ट पर भी निगरानी के लिए विशेष दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।
राज्य में 4 दिसम्बर को होने वाले हैं चुनाव के लिए 27 सितम्बर को वोटर लिस्ट के प्रकाशन की अंतिम डेट रखी गयी है। लेकिन चुनाव आयोग इस लिस्ट में शामिल नहीं हो पाने वाले मतदाताओं को फिर से मौक़ा देगी। चुनाव आयोग के अनुसार इसके लिए पुरे प्रदेश में तीन दिनों का विशेष अभियान चला कर ऐसे वोटर्स को उन्हें मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने का मौका दिया जाएगा। राजस्थान के 200 विधानसभा सीट के लिए चुनाव होने जा रहे हैं और जिसमें 141 सामान्य वर्ग के लिए 25 अनुसूचित जाति और 34 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।