7वां वेतन आयोग : सैलरी बढ़ाने के लिए केंद्रीय कर्मचारी आज करेंगे प्रदर्शन, सरकार ने जारी किया सख्त आदेश
नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारी सैलरी बढ़ाने की मांग को लेकर बुधवार (19 सितंबर) को 'ऑल इंडिया प्रोटेस्ट डे' का पालन करेंगे। वे 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम बेसिक पे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही नई पेंशन योजना को हटाने की भी मांग कर रहे हैं। इसके खिलाफ कार्मिक विभाग (DoPT) ने सख्त आदेश जारी किया है। उसने कहा है कि जो भी कर्मचारी इसमें भाग लेंगे उनका भत्ता काट लिया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीओपीटी ने अपने निर्देश में कहा कि सभी केंद्रीय कर्मचारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस विरोध प्रदर्शन से दूर रहें। यह सीसीएस (कंडक्ट) नियम, 1964 के रूल 7 का उल्लंघन है। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतनमान 18000 से बढ़ाकर 26000 रुपए कर दिया जाए। ऐसा फिटमेंट फैक्टर को 2।57 गुना से बढ़ाने से होगा।
इसके साथ ही डीओपीटी ने सीनियर अफसरों को यह भी निर्देश दिया है कि वे अपने सबऑर्डिनेट अधिकारी को किसी प्रकार की छुट्टी न दें। फंडामेंटल रूल्स के रूल 17(1) के अनुसार अगर कोई कर्मचारी बिना पूर्व सूचना के दफ्तर से गायब रहता है तो उसका वेतन और भत्ता कटेगा। ऑल इंडिया प्रोटेस्ट डे नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) ने बुलाया है। यह केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठनों की सर्वोच्च इकाई है। इसकी मांग है कि न्यूनतम भत्ते को बढ़ाया जाए, नई योगदान वाली पेंशन योजना को खत्म किया जाए और पेंशन फिटमेंट फॉर्मूला में ऑप्श्ान 1 को मंजूरी दी जाए।
हमारी सहयोगी साइट इंडिया डॉट कॉम की खबर के मुताबिक डीओपीटी ने साफ किया है कि किसी भी संगठन के अधिकार अलग नहीं हो सकते। उसने डिविजन हेडों से अपने यहां बुधवार को छुट्टी पर रहने वाले कर्मचारियों की लिस्ट मांगी है। इस बीच रेल कर्मचारियों ने भी बुधवार को हड़ताल की धमकी दी है। इंडियन रेलवे के कर्मचारी इंडियन जोनल रेलवे पर प्रदर्शन करेंगे। रेलवे कामगार यूनियन के मुताबिक रेल कर्मचारियों के काम करने की स्थिति काफी दयनीय है। हर रोज भारत में कम से कम दो रेल कर्मचारियों की मौत हो जाती है। ऐसा दावा एक मीडिया रिपोर्ट में किया गया है। एनजेसीए ने रेल कर्मचारियों के लिए रिस्क अलाउंस शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों को पे बैंड या पे स्केल की बजाय पे मेट्रिक्स के आधार पर सैलरी मिलती है। पे मेट्रिक्स में लेवल 1 पर न्यूनतम पे 18 हजार रुपए है। वहीं लेवल 18 पर यह ढाई लाख रुपए है। यह व्यवस्था 1 जनवरी 2016 से लागू है। लोवर लेवल के कर्मचारी को 2.57 गुना फिटमेंट फैक्टर के आधार पर सैलरी बनती है जबकि ऊपर के लेवल के अफसर की सैलरी उससे ज्यादा फिटमेंट फैक्टर पर बनती है।
भीमा कोरेगांव मामले में अहम सुनवाई आज, पुणे पुलिस के सबूतों को परखेगा सुप्रीम कोर्ट
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि पुणे पुलिस की ओर से जुटाए गए सबूत प्रयाप्त नहीं होने की स्थिति में मामले की जांच SIT को सौंपी जा सकती है।