ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
यात्रियों को आराम देगी नई तरह की ट्रेन, दुनिया में पहली बार हुई टेस्टिंग
By Deshwani | Publish Date: 18/9/2018 3:50:29 PM
यात्रियों को आराम देगी नई तरह की ट्रेन, दुनिया में पहली बार हुई टेस्टिंग

नई दिल्ली। अगर आपसे ऐसी ट्रेन के बारे में बात करें जिसके हजारों किलोमीटर की दूरी तय करने पर भी प्रदूषण नहीं होगा तो शायद आपको यकीन न हो। लेकिन यह पूरी तरह सच है, क्योंकि अब ऐसी ट्रेन बनकर तैयार हो गई है जो प्रदूषण मुक्त है। जर्मनी में पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन की टेस्टिंग हुई है। यह दुनिया पहली हाइड्रोजन चलित ट्रेन है। हमें पता है आप अभी से इस ट्रेन के सफर के बारे में सोचकर खुश रहे हैं, लेकिन भारत में अभी ऐसी ट्रेन चलाने के बारे में कोई योजना निकट भविष्य में नहीं है।
 
कोराडिया इलिट नाम की इस ट्रेन की नॉर्थ जर्मनी में हमबर्ग के पास कामर्शियल सर्विस शुरू की गई है। पहली बार इस हाइड्रोजन ट्रेन को 62 मील लंबे ट्रैक पर दौड़ाया गया। इस ट्रेन को फ्रेंच कंपनी अलस्टोम ने तैयार किया है। यह वही कंपनी है जिसने TGV बुलेट ट्रेन तैयार की है। इसमें हाइड्रोजन फ्यूल सेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन की मिक्सिंग से इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट करते हैं। यह इलेक्ट्रिसिटी ट्रेन में लगी लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करती है और इसकी मदद से ट्रेन ऑपरेट होती है।
 
कंपनी का दावा है कि यह ट्रेन जीरो एमिशन पैटर्न पर चलती है यानी इससे बिल्कुल भी कार्बन डाइऑक्साइड नहीं निकलती। हाइड्रोजन ट्रेन के चलने पर धुएं की बजाय भाप उत्पन्न होती है। ट्रेन के चलने में बहुत कम शोर होता है। यह भी दावा किया जा रहा है कि हाइड्रोजन ट्रेन की स्पीड और पैसेंजर को ले जाने की क्षमता डीजल से चलने वाली ट्रेन के बराबर ही है। ट्रेन की टॉप स्पीड 140 किलोमीटर प्रति घंटा है।
 
फ्रांस की सरकार की तरफ से पहले ही कहा चुका है कि देश में 2022 तक हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। ऐसा दावा है कि यह ट्रेन सिंगल टैंक हाइड्रोजन भरने पर एक हजार किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है। इस ट्रेन के चलने में डीजल ट्रेन से ज्यादा खर्च आता है। अब जब सरकार बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए डीजल और पेट्रोल कारों की बजाय इलेक्ट्रिक कारों पर जोर दे रही है तो हो सकता है आने वाले समय में भारत में भी ऐसी ट्रेनों का संचालन मुमकिन हो।
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS