पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आज फिर हुआ इजाफा, मुंबई में 90 रुपये/लीटर के करीब पहुंचा दाम
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब पिछले एक महीने से लगातार वृद्धि जारी है। शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमतों में 35 पैसे की बढ़ोतरी हुई। इसके बाद राजधानी में पेट्रोल के दाम 81.63 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए हैं। डीजल की कीमतों में 24 पैसे का इजाफा हुआ और इसके बाद डीजल 73.54 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है। यह अब तक का रिकॉर्ड रेट है।
शुक्रवार को भी राजधानी दिल्ली समेत अन्य शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ था। शुक्रवार को दिल्ली में पेट्रोल 28 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ 81.28 लीटर प्रति लीटर पर पहुंच गया था। वहीं डीजल में भी 22 पैसे की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। इससे डीजल के दाम शुक्रवार को बढ़कर 73.30 रुपये प्रति लीटर हो गए थे।
शनिवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल और डीजल के दामों ने लोगों को रुलाया। यहां शनिवार को पेट्रोल के दाम 34 पैसे की बढ़ोतरी हुई। इसके बाद पेट्रोल के दाम यहां 89.01 रुपये प्रति लीटर पहुंच गए। वहीं 25 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ मुंबई में डीजल के दाम शनिवार को 78.07 रुपये प्रति लीटर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। बता दें कि शुक्रवार को मुंबई में पेट्रोल की कीमतों में 28 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई थी। इससे यहां पेट्रोल 88.67 रुपये प्रति लीटर हो गया था। वहीं डीजल 24 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी के साथ शुक्रवार को 77.82 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था।
गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल के दामों में 13 पैसे बढ़े थे, जबकि डीजल के रेट में 11 पैसे की वृद्धि हुई थी। इस तरह राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल और डीजल के दाम क्रमश: 81 रुपये प्रति लीटर और 73.08 रुपये प्रति लीटर हो गए थे। उधर, आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े थे और यहां भी पेट्रोल 88.39 रुपये प्रति लीटर (13 पैसे की बढ़ोतरी), जबकि डीजल 77.58 रुपये प्रति लीटर (11 पैसे की वृद्धि) हो गए थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वक्त में भारतीय बाजारों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अभी और आसमान छूने वाली हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफे के पीछे रुपया एक बड़ा कारण है। रुपये में गिरावट के चलते ही तेल कंपनियां लगातार कीमतों में बदलाव कर रही हैं। दरअसल, कंपनियां डॉलर में तेल का भुगतान करती हैं, जिसकी वजह उन्हें अपना मार्जिन पूरा करने के लिए तेल की कीमतों को बढ़ाना पड़ रहा है।