नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने लंदन कोर्ट में बड़ा दावा किया है कि भारत छोड़ने से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज से संबंधित सभी मामलों को निपटने की पेशकश की थी, लेकिन बैंकों ने उनके सेटलमेंट पर सवाल खड़े कर दिए थे। हालांकि अरुण जेटली ने उनके दावों को झूठा करार दिया है। अपने प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के लिए माल्या बुधवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई के दौरान उन्होंने कोर्ट में यह बात कही। माल्या के वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी तक ऐसे कोई भी सबूत नहीं मिले हैं, जिनके आधार पर यह कहा जा सके कि माल्या या किंगफिशर ने किसी बुरी नीयत से बैंकों से लोन लिया था।
माल्या के वकील ने कहा कि सीबीआई के राकेश अस्थाना ने बैंकों पर माल्या के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए दबाव बनाया था और केस दर्ज नहीं करने के दशा में परिणाम भुगत लेने के धमकी दी थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने बाहर आकर मीडिया से बात करते हुए माल्या ने कहा कि वह अभियोजन पक्ष के आरोपों से सहमत नहीं हैं, इस बारे में कोर्ट को कोई फैसला लेने दें। वेस्टमिंस्टर कोर्ट में भारत के अधिकारियों ने मुंबई की आर्थर रोड जेल में माल्या को रखने के लिए तैयार सेल का विडियो पेश किया था। बता दें कि इससे पहले सुनवाई के दौरान माल्या ने कोर्ट में कहा था कि भारत की जेलों की स्थिति बहुत खराब है, इसलिए उसे भारत को न सौंपा जाए। माल्या की इस दलील के बाद भारत द्वारा मुंबई की आर्थर रोड जेल की 12 नंबर बैरक का एक वीडियो बनाकर कोर्ट में पेश किया।
शराब कारोबारी विजय माल्या भारत से मार्च, 2016 से फरार हुआ था। वह भारतीय अदालतों व कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के सम्मन के बावजूद लंदन में है। कर्ज की वसूली को दीवानी मामला बताते हुए माल्या ने कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों के बकाए को निपटाने की उनकी मंशा के बावजूद एजेंसियों ने आक्रामक कार्रवाई कर मामले को आपराधिक बना दिया है। उन्होंने कहा, 'सीबीआई व ईडी बैंकों का भुगतान नहीं करने के बहाने मेरे खिलाफ आपराधिक आरोप तय करते दिखते हैं। मुझे संपत्तियों को बेचने की और लेनदारों का भुगतान करने की अनुमति दें।'
उधर, भारत में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून’ के तहत मुंबई की एक विशेष अदालत में अधिकारियों ने अर्जी लगाते हुए कोर्ट को बताया था कि विजय माल्या और उसके किंगफिशर एयरलाइंस (जो अब अस्तित्व में नहीं है) एवं अन्य ने विभिन्न बैंकों से ऋण लिया था। फिलहाल माल्या पर ब्याज समेत 9990।07 करोड़ रुपये बकाया हैं। ईडी और सीबीआई ने उसके खिलाफ कथित ऋण अदायगी उल्लंघन मामले दर्ज किए हैं।