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देशभर में आज मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, जानिए किस मुहूर्त में बप्पा को घर लाना है शुभ
By Deshwani | Publish Date: 13/9/2018 11:13:36 AM
देशभर में आज मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, जानिए किस मुहूर्त में बप्पा को घर लाना है शुभ

नई दिल्ली। देशभर में आज से गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत हो रही है। भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दर्शी यानि 10 दिनों तक चलने वाले इस गणेश उत्सव के लिए देशभर के तमाम शहरों में पंडाल लगाए जाते हैं। पंडालों में बप्पा को स्थापित करने के साथ-साथ कुछ लोग गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की मूर्ति को घर में स्थापित करते हैं और अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।
 
भारतीय शास्त्रानुसार किसी भी शुभ कार्य को रने से पहले गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि सर्वप्रथम गणेश की अराधना करने से शुभ कार्यों में विघ्न या बाधा नहीं आती है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक आज गणेश पूजा का समय सुबह 11।30 बजे से 13।30 बजे तक का है। वहीं, चंद्रमा को न देखने का समय सुबह 9।31 से रात 21।12 तक का है। आज के दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को घर लाना सबसे पवित्र समझा जाता है। जब आप बप्‍पा की मूर्ति को घर लाएं, उससे पहले इन चीजों को तैयार रखें। अगरबत्‍ती और धूप, आरती थाली, सुपारी, पान के पत्‍ते और मूर्ति पर डालने के लिए कपड़ा, चंदन के लिए अलग से कपड़ा और चंदन। गणपति मूर्ति की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक आरती की थाली में अगरबत्‍ती-धूप को जलाएं। इसके बाद पान के पत्‍ते और सुपारी को भी इसमें रखें। इस दौरान मंत्र ' ऊं गं गणपतये नम:' का जाप करें। 
 
जो श्रद्धालु गणेश जी की मूर्ति को चतुर्थी से पहले अपने घर ला रहे हैं, उन्‍हें मूर्ति को एक कपड़े से ढककर लाना चाहिए और पूजा के दिन मूर्ति स्‍थापना के समय ही इसे हटाना चाहिए। घर में मूर्ति के प्रवेश से पहले इस पर अक्षत जरूर डालना चाहिए। स्‍थापना के समय भी अक्षत को आसन के निकट डालना चाहिए। साथ ही, वहां सुपारी, हल्‍दी, कुमकुम और दक्षिणा भी वहां रखना चाहिए। पंचामृत से श्री गणेश को स्नान कराएं तत्पश्चात केसरिया चंदन, अक्षत, दूर्वा अर्पित कर कपूर जलाकर उनकी पूजा और आरती करें। उनको मोदक के लड्डू अर्पित करें। उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। श्री गणेश जी का श्री स्वरूप ईशाण कोण में स्थापित करें और उनका श्री मुख पश्चिम की ओर रहे। संध्या के समय गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्रीगणेश सहस्रनामावली, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करें। अंत में गणेश मंत्र ' ऊं गणेशाय नम:' अथवा 'ऊं गं गणपतये नम: का अपनी श्रद्धा के अनुसार जाप करें।
 
भगवान गणेश अपने भक्तों के समस्त विघ्नों को दूर करने के लिए विघ्नों के मार्ग में विकट स्वरूप धारण करके खड़े हो जाते हैं। अपने घर, दुकान, फैक्टरी आदि के मुख्य द्वार के ऊपर तथा ठीक उसकी पीठ पर अंदर की ओर गणेश जी का स्वरूप अथवा चि‍‍त्रपट जरूर लगाएं। ऐसा करने से गणेश जी कभी भी आपके घर, दुकान अथवा फैक्टरी की दहलीज पार नहीं करेंगे तथा सदैव सुख-समृद्धि बनी रहेगी। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी।
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