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एनआरसी में जिन लोगों का नाम नहीं है, उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा: राम माधव
By Deshwani | Publish Date: 11/9/2018 11:39:28 AM
एनआरसी में जिन लोगों का नाम नहीं है, उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा: राम माधव

नई दिल्‍ली। भाजपा महासचिव राम माधव ने सोमवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाने वाले लोगों का मताधिकार छीन लिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। इस बीच, भाजपा के ही नेता और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाए।

‘एनआरसी: डिफेंडिंग दि बॉर्डर्स, सेक्यूरिंग दि कल्चर’ विषय पर एक सेमिनार को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि भारत के वाजिब नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने और एनआरसी की अंतिम सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए पर्याप्त अवसर दिया जाएगा। ‘रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी’ नाम के थिंक-टैंक की ओर से आयोजित सेमिनार में सोनोवाल ने कहा, ‘‘एनआरसी सभी राज्यों में लागू की जानी चाहिए। यह ऐसा दस्तावेज है जो सभी भारतीयों का संरक्षण कर सकता है। असम में एनआरसी में शामिल नहीं किए जाने वाले लोग अन्य राज्यों में जा सकते हैं। इसलिए हमें ठोस कदम उठाना होगा।’’ 

असम में रह रहे वास्तविक भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अद्यतन की जा रही एनआरसी की 30 जुलाई को प्रकाशित मसौदा सूची में 40 लाख से ज्यादा लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए, जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। सेमिनार में माधव ने कहा कि 1985 में हुए ‘असम समझौते’ के तहत एनआरसी को अद्यतन किया जा रहा है, जिसके तहत सरकार ने राज्य के सभी अवैध प्रवासियों का पता लगाने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रतिबद्धता जाहिर की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘एनआरसी से सभी अवैध प्रवासियों की पहचान सुनिश्चित हो सकेगी। अगल कदम ‘मिटाने’ का होगा, यानी अवैध प्रवासियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे और उन्हें सभी सरकारी लाभों से वंचित कर दिया जाएगा। इसके अगले चरण में अवैध प्रवासियों को देश से बाहर कर दिया जाएगा।’’ 

अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाले जाने पर भारत को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करने की स्थिति की बात कहने वालों पर निशाना साधते हुए माधव ने कहा कि बांग्लादेश भी म्यामां के साथ सक्रिय बातचीत कर रहा है ताकि लाखों रोहिंग्या लोगों को वहां से बाहर निकाला जा सके। म्यामां में अत्याचार का शिकार होने के बाद लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है। माधव ने कहा कि दुनिया में कोई भी देश अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं करता, लेकिन भारत राजनीतिक कारणों से अवैध प्रवासियों के लिए ‘‘धर्मशाला’’ बन गया है।
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