नई दिल्ली। 2019 चुनावों को देखते हुए कांग्रेस कोई भी मौका छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। भाजपा को रोकने के लिए वह किसी भी पार्टी से हाथ मिलाने के लिए तैयार है। कई राज्यों में तो वह इसके लिए अपनी जमीन भी छोड़ने के लिए भी तैयार है। उसका कुछ ऐसा ही हाल तेलंगाना में है। कभी इस राज्य पर हुकूमत करने वाली कांग्रेस यहां अब इतनी कमजोर हो चुकी है, कि अब वह यहां पर अपने सबसे प्रतद्वंद्वी पार्टी टीडीपी से भी हाथ मिलाने के लिए तैयार है। अविभाजित आंध्रप्रदेश में लंबे समय तक राज कर चुकी कांग्रेस इसके विभाजन के बाद कमजोर हो गई है।
खासकर तेलंगाना में उसे उम्मीद थी कि वह यहां पर अच्छा प्रदर्शन करेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यहां पर सत्ता में के चंद्रशेखर राव की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति है। हालांकि केसीआर ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है, ऐसे में वहां पर समय पूर्व चुनाव होने की संभावना है। इस राज्य में कांग्रेस के साथ साथ टीडीपी भी कमजोर है। भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद अब टीडीपी इस राज्य में भी अपने आपको मजबूत करना चाहती है, लेकिन तेलंगाना विरोध के कारण उसके लिए हालात सही नहीं हैं। ऐसे में वह कांग्रेस के साथ जाने का मन बना रही है।
शनिवार को आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू हैदराबाद में होंगे। यहां वह तेलंगाना में अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। संभव है कि यहां पर कांग्रेस से गठबंधन के लिए उनका मन भी टटोलें। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के नेता नायडू और तेलंगाना कांग्रेस कमेटी के चीफ उत्तम कुमार रेड्डी के बीच बैठक कराने की योजना भी बना रहे हैं। जिसमें दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावनाओं को देखा जा सके। हालांकि ये भी तय है कि दोनों पार्टियां सिर्फ तेलंगाना में गठबंधन करेंगी, आंध्रप्रदेश में ये एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ेंगे।
आंध्रप्रदेश में एनटी रामाराव ने कांग्रेस का विरोध करते हुए ही तेलुगुदेशम पार्टी की स्थापना की और पहला ही चुनाव जीतकर सीएम बन गए। उनके बाद इस पार्टी पर उनके दामाद एन चंद्रबाबू नायडू ने कब्जा जमा लिया। एनटीआर की बेटी डी पुरुंदेश्वरी पहले कांग्रेस सांसद रहीं, 2014 में वह बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं।