नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज आवागमन के क्षेत्र में एक नई कार्ययोजना पेश की जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण में निवेश और यात्रा के लिये सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया गया। इस दौरान पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि जाम और भीड़भाड़ से पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान को कम करने के लिये जाम मुक्त परिवहन व्यवस्था काफी महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्था है जहां 100 स्मार्ट शहरों का निर्माण हो रहा है। सड़कों, हवाईअड्डों, रेलवे लाइन और बंदरगाहों को पहले से तेजी से गति से निर्माण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने वैश्विक मोबिलिटी शिखर सम्मेलन ‘मूव’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाली साफ-सुथरी परिवहन व्यवस्था सबसे शक्तिशाली हथियार हो सकती है।
मोदी ने कहा कि हमें स्वच्छ किलोमीटर का विचार आगे बढ़ाना चाहिये। प्रदूषण रहित स्वच्छ परिवहन व्यवस्था से हमारा वातावरण, हवा साफ होगी और हमारे लोगों का रहन सहन स्तर भी बेहतर होगा। उन्होंने देश में गतिशीलता को लेकर कहा कि भविष्य में आवागमन के साधनों को लेकर मेरी सोच सात ‘सी’ पर आधारित है। ये सात ‘सी’ हैं -- कॉमन (साझा), कनेक्टेड (जुड़ा हुआ), कन्विनियेंट (सुविधाजनक), कंजेशन- फ्री (जाम मुक्त), चार्जर्ड (चार्ज किया हुआ), क्लीन (स्वच्छ), कटिंग एज (अत्याधुनिक)।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सोच अब कारों से आगे की होनी चाहिये। कारों से निकलकर दूसरे वाहनों के बारे में हमें सोचना चाहिये जैसे कि आटो और रिक्शा को हमें देखना चाहिये। हमारी आवागमन सुविधा पहल में साझा सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था अहम होनी चाहिये। मालूम हो कि नीति आयोग 7-8 सितंबर को शिखर सम्मेलन का आयोजन किया है। सम्मेलन में अरुण जेतली, नितिन गडकरी, पीयूष गोयला और रवि शंकर प्रसाद सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया, जहां पांच विषयों पर चर्चा हुई। इनमें विद्युतीकरण और वैकल्पिक ईंधन, सार्वजनिक परिवहन की नए सिरे से खोज, माल ढुलाई परिवहन और लॉजिस्टिक्स और डाटा विश्लेषण तथा मोबिलिटी शामिल हैं।