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हापुड़ मॉब लिंचिंग: SC का आदेश- आईजी करें जांच की निगरानी
By Deshwani | Publish Date: 6/9/2018 2:44:44 PMनई दिल्ली। मॉब लींचिंग पर कड़ा रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के हापुड़ में मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति की पीट पीटकर किए जाने का मामले में मेरठ जोन के पुलिस महानिरीक्षक को जांच की खुद प्रत्यक्ष निगरानी करने का आदेश दिया है। बीती 18 जून को हापुड़ जिले के बजहेरा गांव में भीड़ ने मवेशी व्यापारी कासिम की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि अधिकारी (आईजी) मॉब लिंचिंग के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व के आदेशों के अनुसार काम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल द्वारा इस मामले की जांच की मांग को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने कहा, जांच मेरठ जोन के पुलिस महानिरीक्षक की सीधी निगरानी में की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मामले के 11 में से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और मामले की जांच हापुड़ के पुलिस अधीक्षक की निगरानी में नए थानाध्यक्ष द्वारा की जा रही है। याचिकाकर्ता के वकील समायुद्दीन ने मामले को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने पर जोर दिया। समायुद्दीन की भी गोरक्षकों ने पिटाई की थी। पीठ ने पुलिस से पूछा कि जांच पूरी करने में उसे कितना वक्त लगेगा। यूपी पुलिस ने कहा कि जांच 60 दिनों में पूरी हो जाएगी।
याचिकाकर्ता ने आरोपियों की जमानत रद्द करने के संबंध में अपनी दलील पेश की। उन्होंने कहा कि पुलिस ने लिंचिंग को रोकने में शीर्ष अदालत के निर्देश की अवहेलना की। सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को केंद्र और राज्य सरकारों को स्वयंभू रक्षा के नाम पर भयानक कृत्यों को अंजाम देने की घटनाओं, पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं को रोकने और भीड़तंत्र को समाप्त करने के लिए 22 दिशा-निर्देश जारी किए थे। साथ ही, सरकारों को इस दिशा में रोकथाम, समाधान और दंडात्मक उपाय करने का आदेश दिया था।