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इसरो के चेयरमैन बोले, 'मानव मिशन के लिए स्पेस सूट बनाना सबसे बड़ी चुनौती'
By Deshwani | Publish Date: 1/9/2018 3:46:41 PM
इसरो के चेयरमैन बोले, 'मानव मिशन के लिए स्पेस सूट बनाना सबसे बड़ी चुनौती'

नई दिल्ली। 2022 तक भारत जहां अंतरिक्ष में मानव मिशन यानि गगनयान की तैयारी में लगा हुआ है। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने ज़ी न्यूज़ से कहा है की इस मिशन में कुल 900 के करीब साइंटिस्ट मिशन को कामयाब बनाने के लिए लगे हुए है और हमने इसके लिए पहले से ही काफी तैयारी कर ली है। लेकिन, हम स्पेस सूट की तैयारी में लगे हैं, जो सबसे मुश्किल टास्क है।  

आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि साल 2022 तक भारत अंतरिक्ष में 'गगनयान' भेजेगा। इसरो को इसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देने की भी तैयारी करनी होगी। हालांकि, बेंगलुर में जल्द ही एक ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। 

इसरो के मुताबिक, गगन यान की फाइनल उड़ान से पहले दो यान को अन्तरिक्ष में भेजा जायेगा, जिससे गगनयान की सफलता की पूरी मुक्कमल तैयारी की जा सके और उसके बाद ही मानव मिशन को हरी झंडी दी जाएगी। 2020 के अंत तक और फिर साल 2021 में दो यान अन्तरिक्ष में भेजे जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस मिशन से करीब 15 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर का सहयोग बहुत ही अहम होगा। 

इसके लिए इसरो के प्रशिक्षण केंद्र काफी मॉडर्न होगा, जिसमें प्रशिक्षित एस्ट्रोनॉट के जीरो ग्रैविटी में रहने की भी व्यवस्था होगी। ताकि, अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर ही अंतरिक्ष में रहने का माहौल मिले। इसके लिए सेंटर में जीरो ग्रैविटी फैसिलटी देने वाले उपकरण लगाए जाएंगे। यह इंतजाम भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा द्वारा बताए गए अनुभवों के आधार पर किया जा रहा है। राकेश शर्मा ने साल 1984 में सोवियत रूस के एक मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

इस प्रोग्राम के जरिए दुनिया में भारत ऐसा चौथा देश बन जाएगा, जो मानव अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करेगा। आपको बता दें कि अब तक केवल रूस, अमेरिका और चीन ने सफलता पूर्ण मानव मिशन को अंजाम दिया है। इसरो चेयरमैन सीवन ने कहा कि ये मिशन भारत की 75वीं स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरा कर लिया जायेगा। इस मिशन का मकसद सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में तीन सदस्यों को भेजना है। गगनयान मिशन पर कुल 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जाने हैं। 

इसरो ने गगनयान मिशन के लिए लालिथाम्बिका को मानव स्पेस फ्लाइट प्रोग्राम का हेड बनाया है, जो पहले विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर तिरवंतपुरम में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थी। लालिथाम्बिका इससे पहले GSLV MK-3 के ह्यूमन स्पेस मिशन में अहम योगदान दे चुकी हैं।
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