राष्ट्रीय
आपराधिक रिकॉर्ड वाले एमपी-एमएलए का ब्यौरा ना देने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, केंद्र को लगाई फटकार
By Deshwani | Publish Date: 30/8/2018 1:54:06 PMनई दिल्ली। आपराधिक रिकॉर्ड वाले सांसद और विधायकों का ब्यौरा नहीं देने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई। केंद्र सरकार ने जो हलफनामा दिया, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए नाराजगी जाहिर की है। सुप्रीम कोर्ट में आज एक याचिका पर सुनवाई की गई जिसमें स्पेशल कोर्ट के निर्माण के लिए निर्देश जारी करने को कहा गया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पांच सितंबर तक इस मामले में विस्तृत ब्यौरा मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जो हमें दिया गया है वो कागज का एक टुकड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर 10 हाईकोर्ट ने जवाब क्यों दिया? कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि 12 मार्च का हलफ़नामा क्या कहता है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से तैयार नहीं है।
अब इस मामले की 5 सितंबर को अगली सुनवाई होगी। दरसअल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि कितने सांसदों-विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले लंबित हैं और उन मामलों की स्थिति क्या है? फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का क्या हुआ? सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर केंद्र सरकार ने कोर्ट में केवल कितने फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हुआ है, ये बताया। केंद्र के इसी रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है।
गौरतलब है कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले सांसदों और विधायकों के केस की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय गठित किये जाने की मांग की जा रही है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार देश के 51 सांसद और विधायक ऐसे हैं जिनपर महिला के खिलाफ अपराध करने के मामले दर्ज हैं, वहीं 38 प्रतिशत ऐसे हैं जिनपर आपराधिक केस चल रहा है।