नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर दिए गए राहुल गांधी के विवादास्पद बयान का बचाव किया है। चिदंबरम ने 1984 के दंगों में कांग्रेस की संलिप्तता न होने के राहुल गांधी के बयान पर कहा कि तब पार्टी सत्ता में थी और यह एक बेहद दर्दनाक घटना थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन दंगों के समय राहुल 13-14 साल के थे और इसके लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। साथ ही उन्होंने कहा कि उस समय जो कुछ भी हुआ वह बहुत त्रासदीपूर्ण था और उसके लिए डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए संसद में माफी भी मांगी।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को 'बेहद दुखद त्रासदी' बताया और कहा कि वह किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने का 100 फीसदी समर्थन करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या के बाद 1984 में हुए दंगों में करीब 3,000 सिख मारे गए थे। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।
ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर आए राहुल गांधी ने ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं की सभा में कल कहा कि यह घटना त्रासदी थी और बहुत दुखद अनुभव था, लेकिन उन्होंने इससे असहमति जताई कि इसमें कांग्रेस 'शामिल' थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है। भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं।
उन्होंने कहा, 'मेरे मन में उसके बारे में कोई भ्रम नहीं है। यह एक त्रासदी थी, यह एक दुखद अनुभव था। आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी, मैं इससे सहमति नहीं रखता। निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी, निश्चित तौर पर वह त्रासदी थी।