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आधार सत्यापन के लिए चेहरे की पहचान जरूरी: यूआईडीएआई
By Deshwani | Publish Date: 24/8/2018 12:10:09 PM
आधार सत्यापन के लिए चेहरे की पहचान जरूरी: यूआईडीएआई

नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार के सत्यापन के लिए फेशियर रिकग्निशन को जरूरी बनाने का फैसला कर लिया है। इसके लिए मौके पर ही उपयोगकर्ता की तस्वीर ली जाएगी। यूआईडीएआई ने आधार की सुरक्षा के लिहाज से यह कदम उठाया है। अब आधार के किसी भी इस्तेमाल के लिए चेहरे की पहचान होना जरूरी होगी। नए सिम, बैंक आदि में पहचान पत्र के तौर पर दिए जाने वाले आधार के साथ यह नया फीचर भी लागू होने वाला है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन के अलावा चेहरा मिलान एक अडिशनल फीचर होगा। यूआईडीएआई का कहना है कि यह फीचर आधार को सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर प्रदान करता है। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब कुछ बुजुर्गों के उम्र की वजह से फिंगर प्रिंट मिट गए और उन्हें आधार सत्यापन से बाहर कर दिया गया। नया फीचर ऐसी परेशानियों में भी मददगार साबित होगा।

यूआईडीएआई के एक पत्र के अनुसार 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कंपनियों को महीने में कम से कम 10 प्रतिशत सत्यापन चेहरे का लाइव (सीधे) फोटे से मिलान करके करना अनिवार्य होगा। इस प्रकार का सत्यापन इससे कम अनुपात में हुआ तो प्रति सत्यापन 20 पैसे का जुर्माना लगाया जाएगा।

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