नई दिल्ली। केरल में भारी बारिश और बाढ़ से पूरा जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। इस बार की बारिश ने 100 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। केरल में बाढ़ में 400 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 14 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। वहीं केरल की मदद के लिए पूरे देश-विदेश से मदद के लिए लोग सामने आ रहे हैं। लेकिन इसी बीच यह भी खबर आ रही है कि केंद्र सरकार ने मदद करने वाले देशों से पैसे लेने से इनकार कर दिया। केंद्र ने केरल की सरकार कहा है कि पेशकश का अभिवादन करते हुए ना कहें।
सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार ने इस आपदा से निपटने के लिए केवल घरेलू प्रयासों पर निर्भर रहने के फैसले पर विचार किया। इस तरह का फैसला पिछले 15 सालों से सरकार ले रही है। संयुक्त अरब अमीरात ने केरल में बाढ़ राहत अभियान के लिए करीब 700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की पेशकश की है।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को संयुक्त अरब अमीरात ने केरल बाढ़ राहत अभियान के लिए करीब 700 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने की पेशकश की थी। केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने इसकी जानकारी देते हुए तिरुवनंतपुरम में कहा कि अबू धाबी के वलीहद शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और सहायता की पेशकश दी है।
संयुक्त अरब अमीरात में करीब 30 लाख भारतीय रहते और वहां काम करते हैं जिनमें से 80 फीसदी केरल के हैं। मालदीव की सरकार ने भी केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 35 लाख रुपए दान देने का फैसला किया है। शायद इसलिए यूएई मदद के लिए आगे आया।
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केरल में मदद के लिए राशि का ऐलान किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए 10 करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा की है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी 10 करोड़ की मदद राशि का ऐलान किया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी 10-10 करोड़ की राशि का ऐलान किया। इसके अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने 25 करोड़ रुपए की मदद राशि देने का ऐलान किया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 10 करोड़ की मदद राशि देने का ऐलान किया। इन सबके अवाला स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सीएम डिस्ट्रेस रिलीफ फंड में 2 करोड़ रुपए दान किए हैं साथ ही केरल में अपनी सेवाओं पर लगने वाला शुल्क भी माफ किया है। इसके अलावा देशभर से आम जनता भी केरल की मदद के लिए आगे आ रही है। खाने-पीने के सामान से लेकर अन्य जरूरत के सामान केरल में भेजे जा रहे हैं।