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वाजपेयी की बेटी को कोविंद का संदेश, कहा- अटल जी का निधन मेरी ‘निजी क्षति’
By Deshwani | Publish Date: 17/8/2018 6:45:15 PM
वाजपेयी की बेटी को कोविंद का संदेश, कहा- अटल जी का निधन मेरी ‘निजी क्षति’

 नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय राजनीति में नवचेतना का संचारक करार देते हुए कहा कि वाजपेयी का निधन उनके लिए ‘निजी क्षति’है। कोविंद ने वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य को आज भेजे एक शोक संदेश में कहा कि इस दुखद घड़ी में मेरी हार्दिक संवेदनाएं आपके और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ हैं। अटलजी का निधन आपकी एवं परिवार के अन्य सदस्यों के लिए निश्चित तौर पर निजी क्षति तो है ही, यह मेरे लिए भी निजी क्षति है।

 
राष्ट्रपति ने लिखा हिक पूर्व पीएम के राजनीतिक कद एवं सम्मान के कारण ही मैंने सार्वजनिक जीवन का चयन किया था। उनका सहयोगी बनने के लिए ही मैंने कानूनी पेशा छोड़ा था। उनके साथ काम करना मेरे लिए अविस्मरणीय अनुभव है। वर्षों बाद राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद जब मैंने उनसे मुलाकात की थी तो वह बीमारी की वजह बिस्तर में पड़े थे। इसके बावजूद उन्होंने आंखों के इशारे से मुझे आशीर्वाद दिया था। मुझे उनसे आशीर्वाद मिलने का अहसास हुआ।
 
वाजपेयी को भारतीय राजनीति में नवचेतना का संचार करने वाला करार देते हुए कोविंद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से हुई क्षति देश में लाखों घरों में महसूस की गयी। उन्होंने कहा कि वह (वाजपेयी) हमारे सर्वाधिक चहेते पूर्व प्रधानमंत्री, अनोखे व्यक्तित्व वाले राष्ट्रीय नेता और आधुनिक भारत के पुरोधा थे। अपने लंबे विशिष्ट सार्वजनिक जीवन में उन्होंने विभिन्न रूपों में अलग-अलग जीवन जिया, यथा- एक स्वतंत्रता सेनानी एवं एक बुद्धिजीवी के तौर पर, एक लेखक और एक कवि, एक सांसद एवं एक प्रशासक और अंत में प्रधानमंत्री के तौर पर।
 
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर वाजपेयी दबाव में भी शिष्टता की प्रतिमूर्ति और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में निणार्यक नेतृत्व क्षमता के धनी थे। चाहे 1998 का पोरखण परमाणु परीक्षण हो या 1999 का कारगिल युद्ध या आर्थिक बदलाव अथवा विकास की रफ़्तार- हर मायने में उनकी सरकार का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा। उन्हें भारत रत्न प्रदान किया जाना उनके प्रति सम्मान और आभार की बेहतरीन प्रस्तुति का उदाहरण है। बड़े दिलवाले इस राजनेता की कमी न केवल भारत में बल्कि दुनिया में महसूस की जायेगी।
 
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