नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार शाम राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर हिंदू रीति रिवाज के साथ उनकी दत्तक पुत्री नमिता भट्टाचार्य ने शाम पांच बजे मुखाग्नि दी। उनका पार्थिव शरीर सुबह उनके सरकारी आवास से बीजेपी मुख्यालय पहुंचाया गया था। वहां हजारों लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। इसके बाद जनसैलाब के साथ उनकी अंतिम यात्रा स्मृति स्थल पहुंची। यहां उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू, तीनों सेना प्रमुख, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, लालकृष्ण आडवाणी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतिम बार श्रद्धांजलि दी। उन्हें सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने भी श्रद्धांजलि दी। साथ ही अटल जी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
अटल जी के अंतिम संस्कार के लिए एक ट्रक चंदन की लकड़ी मंगाई गई। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था को चाकचौबंद करने के लिए एसपीजी के सैकड़ों जवान लगाए गए।
स्मृति स्थल पर पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत सभी पार्टियों के प्रमुख नेता मौजूद हैं। अंतिम संस्कार कार्यक्रम में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी शामिल हुए। पाकिस्तान की ओर से वहां के कानून मंत्री अली जफर अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे।
इस दौरान हजारों की संख्या में भीड़ भाजपा मुख्यालय के बाहर जमा थी और अटल जी अमर रहें के नारे लगते रहे। भाजपा मुख्यालय से स्मृति स्थल तक सड़कों पर भारी संख्या में भीड़ मौजूद रही। अटल जी की अंतिम यात्रा में पीएम मोदी, अमित शाह समेत लगभग पूरी कैबिनेट ही साथ-साथ चल रही थी।
भाजपा मुख्यालय में अटल जी के अंतिम दर्शन के लिए भारी भीड़ के उमड़ने के चलते लोगों को बाहर ही रोक दिया गया था। इसके बावजूद उनके अंतिम दर्शनों के लिए भीड़ आतुर दिखी। पीएम मोदी के साथ बीजेपी मुख्यालय पहुंचे भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक ने भी अटल जी को श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने अटल जी के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। लालकृष्ण आडवाणी ने भी अटल जी को श्रद्धांजलि दी। बीजेपी मुख्यालय में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सहित अन्य पार्टियों के कई नेता भी पहुंचे। अटल जी के अंतिम संस्कार में नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली, भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक और पाकिस्तानी प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
शुक्रवार सुबह से ही अटल जी के सरकारी आवास पर उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। आवास के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी थीं।
करीब 08:45 बजे आम लोगों को अटल जी के सरकारी आवास पर उनके अंतिम दर्शन करने से रोक दिया गया था। लोगों ने शुक्रवार को सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी। अटली जी के निधन पर सरकार ने सात दिन राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया गया है।
स्मृति स्थल पर अंतिम संस्कार एक ऊंचे स्थल पर होगा जो चारों तरफ से हरियाली से घिरा हुआ है। स्मृति स्थल जवाहर लाल नेहरू के स्मारक ‘शांति वन’ और लाल बहादुर शास्त्री के ‘विजय घाट’ के बीच स्थित है। पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजराल का अंतिम संस्कार यमुना नदी के किनारे दिसम्बर 2012 में स्मृति स्थल पर किया गया था।
वाजपेयी जी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा और केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों में आधे दिन की छुट्टी रहेगी। वाजपेयी के सम्मान में सरकार ने सात दिनों के शोक की घोषणा की है। गृह मंत्रालय ने सर्कुलर जारी कर कहा कि राष्ट्रीय ध्वज पूरे देश में आधा झुका रहेगा। गृह मंत्रालय ने कहा है कि वाजपेयी के सम्मान में पूरे भारत में 16 अगस्त से 22 अगस्त तक राजकीय शोक मनाया जाएगा।’अंतिम संस्कार के दिन विदेश में सभी दूतावासों में राष्ट्र ध्वज आधा झुका रहेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद गुरुवार शाम को एम्स में निधन हो गया था। एम्स के मीडिया एवं प्रोटोकाल डिविजन की अध्यक्ष प्रो. आरती विज की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गहरे शोक के साथ हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की सूचना दे रहे हैं। एम्स के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री का निधन गुरुवार शाम 5 बजकर 5 मिनट पर हुआ। वाजपेयी को 11 जून 2018 को एम्स में भर्ती कराया गया था और डाक्टरों की निगरानी में पिछले नौ सप्ताह से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी। एम्स के अनुसार, दुर्भाग्यवश, उनकी स्थिति पिछले 36 घंटों में बिगड़ी और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया।