नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अंत्येष्टि में दुनियाभर के राजनेता और अधिकारी शामिल होंगे। वाजपेयी के निधन पर दुनिया भर के नेताओं सहित सार्क देशों के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है। नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने कहा, 'वह एक दूरदर्शी स्टेट्समैन थे जो भारत के लोगों के निस्वार्थ सेवा के लिए जाने जाते हैं। भारत और दुनिया ने एक शीर्ष राजनीतिक हस्ती को खो दिया है और नेपाल ने अपने सच्चे दोस्त और शुभेच्छु को।
भूटान के राजा जिग्मे नामग्याल वांग्चुक अंतिम संस्कार में भाग लेने दिल्ली पहुंच गए हैं। वे थोड़ी देर में पूर्व पीएम अटल बिहारी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। पाकिस्तान की तरफ से कानून मंत्री अली जाफर भी अंत्येष्टि में शामिल होंगे। नेपाल के विदेश मंत्री पीके ग्यावल, श्रीलंका के कार्यकारी विदेश मंत्री लक्ष्मण, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अब्दुल हसन मोहम्मद अली पूर्व पीएम वाजपेयी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेंगे।
बोले जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्लाह- वह (अटल बिहारी वाजपेयी) चाहते थे कि भारत हर किसी का हो. वह पाकिस्तान के साथ दोस्ती भी करना चाहते थे। दुर्भाग्य से वह उसे नहीं देख सके। मुझे उम्मीद है कि वर्तमान सरकार और पाकिस्तान की इमरान खान सरकार उनका यह सपना पूरा करेगी, जो उनके लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
भारत के महानतम नेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी को सार्क देशों सहित दुनिया भर के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के कानून मंत्री सहित सार्क देशों के कई नेता आ सकते हैं।
वाजपेयी के अंतिम संस्कार में भूटान नरेश जिग्मे वांगचुक भी शामिल होंगे। इसके अलावा बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली और श्रीलंका के कार्यवाह विदेश मंत्री लक्ष्मण किरिएला ने भी इस दौरान दिल्ली पहुंचने की पुष्टि कर दी है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'वाजपेयी ने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में बदलाव के लिए काम किया था और वह विकास के लिए सार्क तथा अन्य क्षेत्रीय सहयोग के प्रयासों के समर्थक थे।
वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के मंत्री जफर अली विशेष विमान से आएंगे। वह कार्यवाह सरकार के मंत्री हैं, उन्हें सार्क देशों के मंत्रियों जैसी सुविधाएं हासिल नहीं हैं, इसलिए उन्हें पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग से वीजा लेनी थी। पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल को वीजा मिल गई है। सार्क स्टिकर रखने वाले मंत्रियों या सांसदों को सार्क देशों में आने-जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती।