राष्ट्रीय
समलैंगिकता अपराध है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
By Deshwani | Publish Date: 10/7/2018 11:01:04 AMनई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट समलैंगिकता पर पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ की होने वाली सुनवाई को स्थगित करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार ने सुनवाई स्थगित का अनुरोध किया था। दरअसल सहमति से दो वयस्कों के बीच शारीरिक संबंधों को फिर से अपराध की श्रेणी में शामिल करने के शीर्ष अदालत के फैसले को कई याचिकाएं दाखिल करके चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई टालने से इनकार कर दिया। केंद्र सरकार ने समलैंगिक संबंधों पर जनहित याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए वक्त देने का अनुरोध किया था।
पीठ ने कहा कि इसे स्थगित नहीं किया जाएगा। नए सिरे से पुनर्गठित पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को आज से चार महत्वपूर्ण विषयों पर सुनवाई शुरू करनी है, जिनमें समलैंगिकों के बीच शारीरिक संबंधों का मुद्दा भी है। इस संविधान पीठ में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के साथ न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में समलैंगिक वयस्कों के बीच संबंधों को अपराध की श्रेणी में बहाल किया था। न्यायालय ने समलैंगिक वयस्कों के बीच सहमति से संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के 2009 के फैसले को रद्द कर दिया था। इसके बाद पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की गईं और उनके खारिज होने पर प्रभावित पक्षों ने मूल फैसले के दोबारा अध्ययन के लिए सुधारात्मक याचिकाएं दाखिल की गईं।