नई दिल्ली। अमरनाथ यात्रा पर गए श्रद्धालुओं पर कुदरत इन दिनों पर जमकर कहर बरपा रही है। कल रात्रि कुदरत का कहर एक बार फिर बाबा बर्फानी के भक्तों पर जमकर बरपा। दरअसल, रेलपत्री से पवित्र गुफा पर निकले श्रद्धालुओं बरारीमार्ग की तरफ बढ़ ही रहे थे, तभी पहाड़ों में भूस्खलन शुरू हो गया। इसमें चार अमरनाथ यात्रियों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।
ज्ञात हो कि बेहद संकरे से रास्ते से गुजर रहे श्रद्धालुओं के काफिले पर पहाड़ से पत्थरों की बरसात होने लगी। इस घटना में दर्जनों श्रद्धालुओं गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर मौजूद सीआरपीएफ और आईटीबीपी की टीम ने बड़ी जद्दोजहद के बाद कुदरत की पत्थरबाजी का शिकार हुए श्रद्धालुओं को मौके से निकाला गया।
आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवानों ने घायलों को सुरक्षाबलों के कैंप तक पहुंचाया। जहां पर आंशिक रूप से चुटिहिल हुए श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा मुहैया कराई गई। वहीं कुदरत की इस पत्थरबाजी में गंभीर रूप से घायल हुए श्रद्धालुओं को क्रिटिकल केयर एंबुलेंस से श्रीनगर के लिए रवाना कर दिया गया।
श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना मिलते ही आईटीबीपी के जवानों की एक दर्जन से अधिक टीमों को मौके के लिए रवाना कर दिया गया। जहां इलाज के दौरान 4 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई। मृतकों की पहचान ज्योति शर्मा, एमएस शैलेंद्र, अशोक महतो और सीमा कुर्ती के रूप में हुई है। अमरनाथ यात्रा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मृतकों में एक महिला दिल्ली से है, जबकि दो श्रद्धालु पटना (बिहार) और एक श्रद्धालु आंध्र प्रदेश से है।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की शाम करीब 6 बजे अचानक मौसम खराब हो गया और तेज बारिश होने लगी। तेज बारिश के कारण बालटाल में चार अलग-अलग स्थानों पर भूस्खलन हुए। इनमें से तीन भूस्खलन बालटाल कैंप इलाके में हुए, जिनमें किसी के हताहत होने के समाचार नहीं हैं। इसके अलावा एक भूस्खलन अमरनाथ यात्रियों के ट्रेकिंग मार्ग रेल पथरी में हुआ। ऊपर से अचानक मिट्टी और पत्थर गिरने लगे। मलवे के अंदर कई लोग दब गए। सेना और एनडीआरएफ के जवानों में मलवे में दबे लोगों को बाहर निकाल लिया गया है।