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मानसरोवर यात्रा: फंसे 1500 में से दो श्रद्धालुओं की मौत
By Deshwani | Publish Date: 3/7/2018 4:29:15 PM
मानसरोवर यात्रा: फंसे 1500 में से दो श्रद्धालुओं की मौत

नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर गए दो तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई है जिनमें एक श्रद्धालु आंध्र प्रदेश और दूसरा केरल का है। खराब मौसम के कारण नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र में तिब्बत के निकट मंगलवार को यात्रा रोकनी पड़ी है जिससे करीब 1500 श्रद्धालु फंस गए हैं। वहीं इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्रालय से बात की। इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज ट्वीट कर बताया कि करीब 525 तीर्थयात्री सिमिकोट में, 550 तीर्थयात्री हिलसा में और करीब 500 तीर्थयात्री तिब्बत के पास फंसे हुए हैं। 

अमरावती से आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आंध्र प्रदेश से यात्रा पर गए काकीनाडा के श्रद्धालु गरांधी सुब्बा राव की तिब्बत क्षेत्र में मृत्यु हो गई है। मृतक के शव को नेपालगंज लाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव को लखनऊ के रास्ते काकीनाडा लाया जाएगा।
    
तिरुवनंतपुरम से प्राप्त समाचार के अनुसार, मालाप्पुरम जिले के वांडुर किदानघाजी माना निवासी के एम सेतुमाधवन नांबूदरी की पत्नी लीला अंधाराजनम की सोमवार को काठमांडू से 423 किलोमीटर दूर सिमिकोट में ऊंचाई पर सांस में तकलीफ के कारण मौत हो गई। वह कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाली राज्य की 40 श्रद्धालुओं में शामिल थी।

फंसे हुए श्रद्धालुओं में कुछ ने अपने रिश्तेदारों से बातचीत में कहा है कि खाने और रहने की दिक्कत होने की वजह से श्रद्धालु बीमार हो रहे हैं। उनके पैसे भी खत्म हो गए हैं और वे मदद के इंतजार में है। इस बीच एक फंसे हुए श्रद्धालु मुरली ने अपने रिश्तेदारों से बातचीत करके बताया है कि नेपाल- चीन सीमा पर भारी बारिश और बर्फ गिरने की वजह से हिल्सा में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर की आवाजाही नहीं हो पा रही है। उसने बताया कि फंसे हुए यात्रियों को उचित भोजन अथवा रहने की जगह नहीं मिली है जिसमें बड़ी संख्या में तेलुगु श्रद्धालु बीमार पड़ गए हैं। तीन सौ तेलुगु श्रद्धालुओं मेंसे 50 विजयवाड़ा शहर और आसपास के क्षेत्र के हैं। 

सुषमा ने कहा कि सिमिकोट में बुजुर्ग तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई है और सभी तरह की चिकित्सा मदद उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि हिलसा में हमने पुलिस प्रशासन से जरूरी मदद देने का आग्रह किया है। सूत्रों ने कहा कि नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने सभी टूर आपरेटरों से जितना संभव हो, तीर्थयात्रियों को तिब्बत की तरफ रखने को कहा है क्योंकि नेपाल की ओर चिकित्सा एवं नागरिक सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं।

फंसे हुए श्रद्धालुओं में कुछ ने अपने रिश्तेदारों से बातचीत में कहा है कि खाने और रहने की दिक्कत होने की वजह से श्रद्धालु बीमार हो रहे हैं। उनके पैसे भी खत्म हो गए हैं और वे मदद के इंतजार में है। इस बीच एक फंसे हुए श्रद्धालु मुरली ने अपने रिश्तेदारों से बातचीत करके बताया है कि नेपाल- चीन सीमा पर भारी बारिश और बर्फ गिरने की वजह से हिल्सा में हजारों तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर की आवाजाही नहीं हो पा रही है। उसने बताया कि फंसे हुए यात्रियों को उचित भोजन अथवा रहने की जगह नहीं मिली है जिसमें बड़ी संख्या में तेलुगु श्रद्धालु बीमार पड़ गए हैं। तीन सौ तेलुगु श्रद्धालुओं मेंसे 50 विजयवाड़ा शहर और आसपास के क्षेत्र के हैं।  
 

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