नई दिल्ली। तन्वी पासपोर्ट विवाद को लेकर कई दिनों से ट्रोलर्स के गुस्से का शिकार हो रहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को अब केंद्रीय मंत्रियों को समर्थन मिल रहा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब नितिन गडकरी ने भी सुषमा के समर्थन में आवाज़ उठाई है।
बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एक बड़ा वर्ग पासपोर्ट विवाद में विदेश मंत्रालय के रुख से सहमत नहीं है। संघ के सूत्रों का मानना है कि विदेश मंत्रालय अब तक इस विवाद के सवालों का जवाब नहीं दे पाया है। संघ के सूत्रों का कहना है कि पुलिस और एलआईयू की रिपोर्ट के बाद विदेश मंत्रालय को तन्वी सेठ और उनके पति अनस के पासपोर्ट को रद्द कर देना चाहिए था।
साथ ही संघ का ये भी मानना है कि जब ये बात सामने आ गई कि तन्वी सेठ एक साल से लखनऊ के पते पर नहीं रह रही थी तो फिर पासपोर्ट कैसे जारी हुआ और अधिकारी विकास मिश्रा का ट्रांसफर अभी तक वापस क्यों नहीं लिया गया?
संघ की नाराजगी का पता संघ के दिल्ली प्रांत प्रचार प्रमुख राजीव तुली के 21 जून को किए ट्वीट से साफ हो जाता है. इस ट्वीट में उन्होने विदेश मंत्रालय के रूख पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि सुषमा स्वराज कानून से बड़ी नहीं हैं।
वहीं बीजेपी की चुप्पी का सबसे बड़ा कारण ये है कि जो लोग पासपोर्ट विवाद पर सुषमा के ऊपर सवाल उठा रहे हैं, वे पार्टी की विचारधारा के समर्थक हैं। वे पार्टी और संघ के साथ सरकार से जुड़े मुद्दों को सोशल मीडिया पर जोर-शोर से उठाते रहे हैं। ऐसे में पार्टी का मानना हैं कि उनका विरोध करना सियासी तौर पर मुनासिब नहीं होगा।
बता दें, 20 जून को तन्वी सेठ ने ट्वीट कर विदेश मंत्रालय और पीएमओ को शिकायत की थी कि पासपोर्ट बनाने के दौरान पासपोर्ट अधिकारी ने उनसे बदतमीजी की। विदेश मंत्रालय ने मामले में संज्ञान लिया। विदेश मंत्रालय ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय से मामले की रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा का तबादला गोरखपुर कर दिया गया था। साथ ही आनन-फानन में तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी को पासपोर्ट भी जारी कर दिया गया था।
आपको बता दें कि सुषमा स्वराज पिछले कई दिनों से ट्रोलर्स के निशाने पर हैं. ट्विटर पर उनके खिलाफ कई तरह के ट्वीट किए जा रहे हैं, इनमें से कई ट्वीट को सुषमा ने लाइक भी किया. उन्होंने एक पोल चलाकर इन ट्वीट पर लोगों की राय भी मांगी थी.