ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
भगोड़े विजय माल्या ने तोड़ी चुप्पी, कहा-प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था ये लेटर
By Deshwani | Publish Date: 26/6/2018 4:33:52 PM
भगोड़े विजय माल्या ने तोड़ी चुप्पी, कहा-प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था ये लेटर

 नई दिल्ली। भारत सरकार की तरफ से भगोड़ा घोषित किए गए कारोबारी विजय माल्या ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ी है। माल्या ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए अपना पक्ष रखा है। इसमें माल्या ने दावा किया कि उनकी तरफ से भारत में सरकारी बैंकों के कर्ज नहीं चुकाने को लेकर साल 2016 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखा था। लेकिन उसके लेटर पर पीएम मोदी और वित्त मंत्री में से किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

 
विजय माल्या ने पत्र में यह भी कहा कि वह बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों की 'पहचान' बन गए हैं और उनका नाम आते ही मानों लोगों का गुस्सा भड़क जाता है। माल्या ने काफी समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए यह बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि वह दुर्भाग्य से जिस विवाद में घिरे हुए हैं उसकी ‘तथ्यात्मक स्थिति’सामने रखना चाहते हैं। माल्या ने दावा किया कि संबंधित मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 5 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को पत्र लिखा था।
 
इसमें माल्या ने कहा है, ‘राजनेताओं व मीडिया ने मुझ पर इस तरह आरोप लगाए मानों किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मैंने चुरा लिया और भाग गया. कुछ कर्जदाता बैंकों ने भी मुझे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला करार दिया।’माल्या ने इस मामले में सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से उनके खिलाफ दायर आरोप पत्रों को ‘सरकार व कर्जदाता बैंकों की ओर से आधारहीन और पूरी तरह झूठे आरोपों पर की गई कार्रवाई’ बताया है।
 
 
 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS