नई दिल्ली। किसान अपनी मांगों को लेकर आज से हड़ताल पर हैं। किसानों ने स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करवाने और अपनी आमदनी को बेहतर करने के मुद्दे पर अब सरकार से आरपार की लड़ाई का बिगुल बजा दिया है। इस आंदोलन के लिए देशभर के किसान एकजुट हो चुके हैं और इस बात का ऐलान कर चुके हैं कि हड़ताल के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों से फल, सब्जी, दूध व अन्य सामान शहरों की तरफ नहीं आने देंगे। किसान नेताओं ने आज से 10 जून तक सब्जी, फल और दूध की सप्लाई रोकने का ऐलान किया है। किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि यह हड़ताल फिलहाल 10 जून तक प्रस्तावित है, अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो आने वाले वक्त में यह ज्यादा दिनों तक बढ़ाई जा सकती है।
हड़ताल के पहले दिन ही पंजाब से आने वाली सब्जी और फलों में 80 से 90 प्रतिशत की कमी देखी जा रही है। पंजाब के फरीदकोट में किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने सब्जी मंडी के बाहर डेरा जमा लिया है और मंडी के अंदर आने वाली सब्जी की गाड़ियों को रोका जा रहा है।
प्रशासन ने भी इसके लिए तैयारी कर ली है। आंदोलनकारियों से निपटने के लिए पुलिस तैयार है। चिन्हित 35 जिलों में 10 हजार लाठियों के साथ हेलमेट, चेस्टगार्ड आवंटित किए गए हैं। 100 के तकरीबन चार पहिया पुलिस वाहनों को भेजा गया। सबसे ज्यादा वाहन इंदौर, राजगढ़ में 8-8, मुरैना में 7, भोपाल, दतिया में 6-6, शिवपुरी, गुना, सतना में 5-5 गाड़ियों को तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई किसान संगठनों से जुड़े किसान नेता इकट्ठे हुए थे। उन्होंने एग्रीकल्चरल एक्टिविस्ट देवेंद्र शर्मा की अगुवाई में ऐलान किया था कि वह 1 जून से लेकर 10 जून तक गांव को पूरी तरह से सील कर देंगे और किसी को भी गांव से बाहर सामान सप्लाई करने की परमिशन नहीं दी जाएगी। साथ ही जब तक कोई बहुत ही जरूरी काम नहीं होगा किसान और उनके परिवार गांव से बाहर नहीं जाएंगे। गांव का कोई भी व्यक्ति शहरों की तरफ नहीं जाएगा।