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कर्नाटक फ्लोर टेस्‍ट : येदियुरप्पा के करीबी बोपैया प्रोटेम स्पीकर नियुक्त, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में कांग्रेस-जेडीएस
By Deshwani | Publish Date: 18/5/2018 7:41:16 PM
कर्नाटक फ्लोर टेस्‍ट : येदियुरप्पा के करीबी बोपैया प्रोटेम स्पीकर नियुक्त, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में कांग्रेस-जेडीएस

 बेंगलुरु।  कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने शुक्रवार को के . जी . बोपैया को कर्नाटक विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष ( प्रोटेम स्पीकर ) नियुक्त किया। वह शनिवार को नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे और उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार सदन में शक्ति परीक्षण कराएंगे।

 
हीं , कांग्रेस ने राज्यपाल के इस कदम की निंदा की है. कांग्रेस - जद ( स ) गठबंधन कर्नाटक विधान सभा की कार्यवाही के लिये के जी बोपैया को विधान सभा का अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त करने की राज्यपाल वजुभाई वाला के निर्णय को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने पर विचार कर रहा है। तर्क दिया जा सकता है कि बोपैया वरिष्ठतम विधायक नहीं हैं और राज्यपाल को उन्हें अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त नहीं करना चाहिए था।
 
कांग्रेस प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, गवर्नर ने वरिष्ठतम विधायक के बजाये केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करके एक बार फिर संविधान का एनकाउंटर किया है। कर्नाटक में केजी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने के फैसले को चुनौती देने के सवाल पर सुरजेवाला ने कहा, हम कुछ देर में आपको इस बारे में सूचित कर पाएंगे। हां, कोर्ट वापस जाने का विकल्प खुला है। 
 
मुख्यमंत्री बनने के करीब 55 घंटे के भीतर बी एस येदियुरप्पा को शनिवार को विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना होगा। उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को आदेश पारित करके बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिये गये 15 दिन के समय में कटौती कर दी।
 
शनिवार को सुबह तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे लिंगायत नेता येदियुरप्पा (75) ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर 100 प्रतिशत  आश्वस्त हैं। शीर्ष अदालत के आदेश के तुरंत बाद येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा , हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे ... बहुमत साबित करने के लिए हमारे पास 100 प्रतिशत सहयोग एवं समर्थन है।
 
येदियुरप्पा ने कहा , इन सब राजनीतिक खेलों के बीच , हम शनिवार को बहुमत साबित करेंगे। हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे। येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए। राज्य की 222 सीटों पर हुए चुनावों में भाजपा को 104 सीटों में जीत मिली है और उसे उम्मीद है कि कांग्रेस तथा जद ( एस ) के नव निर्वाचित विधायक अपनी पार्टी छोड़ येदियुरप्पा सरकार का समर्थन कर सकते हैं। दो सीटों पर मतदान नहीं होने के कारण 224 सदस्यीय विधानसभा में असरदार संख्या 222 है।
 
बोपैया आरएसएस से जुड़े रहे हैं। उन्हें राज्यपाल ने अस्थायी अध्यक्ष के तौर पर शपथ दिलाई। बोपैया 2009 से 2013 के बीच विधानसभा के स्पीकर रहे थे। वह मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने 2011 में पिछली येदियुरप्पा सरकार की मदद के लिए विश्वासमत से पहले भाजपा के 11 असंतुष्ट विधायकों और पांच निर्दलीय विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। उनके फैसले को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कायम रखा था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने पलट दिया।
 
शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि बोपैया ने हड़बड़ी दिखाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिनेश गुंडु राव ने बोपैया की नियुक्ति पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि राज्यपाल का फैसला स्तब्ध करने वाला है। उन्होंने कहा, परंपरा यह रही है कि सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को अस्थायी अध्यक्ष बनाया जाता है। इस मामले में आरवी देशपांडे को बनाया जाना चाहिए था।
 
उन्होंने कहा , वजुभाई वाला जी को भाजपा के एजेंट के तौर पर काम करते देख कर दुख हो रहा है। सामान्य तौर पर विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है ताकि वह नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएं। गौरतलब है कि कांग्रेस के आरवी देशपांडे नयी विधानसभा में सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं।
 
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