राष्ट्रीय
गोवा और मणिपुर में भी सत्ता हथियाने जुटी कांग्रेस, सरकार बनाने का दावा किया पेश
By Deshwani | Publish Date: 18/5/2018 7:30:04 PM नई दिल्ली। कर्नाटक की जंग अब बिहार, गोवा और मणिपुर में भी पहुंच गई है। शुक्रवार को बिहार में राजद ने और गोवा तथा मणिपुर में कांग्रेस ने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। दोनों सहयोगियों के इस कदम को लेकर सवाल भी खड़े किए गए क्योंकि इन राज्यों में विधानसभा चुनाव एक साल से भी ज्यादा समय पहले संपन्न हो चुके हैं। इन तीनों राज्यों में राजग को बहुमत हासिल है। माना जा रहा है कि दोनों सहयोगियों के इस कदम का मकसद भाजपा को शर्मसार करना है।
गोवा में चंद्रकांत केवलेकर की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा से राजभवन में मुलाकात की और उन्हें एक पत्र सौंपकर सदन में पार्टी को बहुमत सबित करने के लिए आमंत्रित करने की मांग की। केवलेकर ने कहा कि हमने राज्यपाल से अनुरोध किया कि वह कर्नाटक के उदाहरण का पालन करें और उस गलती को सुधारें जो उन्होंने 12 मार्च, 2017 को की थी जब उन्होंने कम सीटों वाले दल ( भाजपा ) को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। पिछले वर्ष फरवरी माह में हुए चुनाव में 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 17 सीटें मिली थी जो बहुमत से चार सीटें कम थी। भाजपा को 13 सीटें मिली थी और उसने गोवा फॉरवर्ड पार्टी तथा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन बनाया था। इन दोनों दलों को तीन-तीन सीटें मिली थी।
उधर मणिपुर में भी कांग्रेस ने आज सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्य इकाई के प्रवक्ता जयकिशन सिंह ने कहा कि मणिपुर विधानसभा में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओकरम इबोबी सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस विधायक दल ( सीएलपी ) के 9 नेताओं ने राज्यपाल जगदीश मुखी से राजभवन में मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में विधानसभा की कुल 60 सीटों में से 28 पर जीत हासिल कर कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। राज्य में 21 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा ने क्षेत्रीय पार्टियों के साथ हाथ मिला लिया था और राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने उनके गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।
वहीं कांग्रेस, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और माकपा माले के नेताओं के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मांग की कि बिहार में उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी है और उनका चुनाव के पहले का गठबंधन भी था। सिन्हा ने पटना में राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि हमने राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंप कर कहा कि हमारे पास 111 विधायकों का समर्थन है।