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येदियुरप्पा सरकार कल शाम चार बजे तक करें बहुमत साबित : सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 18/5/2018 11:15:14 AM
येदियुरप्पा सरकार कल शाम चार बजे तक करें बहुमत साबित : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने का न्योता देने के बाद से ही जारी सियासी तूफान के बीच आज सुप्रीम कोर्ट में राज्य में सरकार गठन के खिलाफ दायर याचिकाओं को लेकर सुनवाई हुई। इस मामले में कोर्ट ने कर्नाटक में भाजपा को कल शाम चार बजे शक्ति परीक्षण करवाने के निर्देश दिए हैं। भाजपा की ओर से कोर्ट में दलील दी गई थी कि शक्ति परीक्षण सोमवार को करवाया जाए क्योंकि उन्हें समर्थन देने वाले कई विधायक बाहर हैं और उन्हें आने में समय लगेगा। लेकिन कोर्ट ने उनकी इस दलील को अस्वीकार कर दिया।

 

इस पर भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि येदुरप्पा सरकार कल बहुमत परीक्षण के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि एक दिन बहुत कम है। सरकार को ज्यादा दिन मिलने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एंग्लो इंडियन सदस्यता को भी रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कल ही बहुमत परिक्षण के दौरान डीजीपी विधायकों को सुरक्षा देंगे। सिंघवी ने कहा है कि बहुमत परिक्षण के दौरान वीडियोग्राफी भी होनी चाहिए।

 

सुप्रीम कोर्ट में कुमारस्वामी की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसे मामलों में राज्यपाल को अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। साथ ही सिंघवी ने कहा कि येदियुरप्पा ने कहा कि हमारे साथ कई विधायक हैं, लेकिन कौन-कौन साथ हैं वह नहीं बताएं। दूसरी ओर कांग्रेस-जेडीएस ने सभी 117 के नाम लिख कर राज्यपाल को दिए।

 

जस्टिस सीकरी ने कहा कि या तो आप कानून के अनुसार चलें या फिर शनिवार को सदन में बहुमत परीक्षण हो. ये आपको चुनना है, दूसरा विकल्प ज्यादा व्यावहारिक है। कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, राज्यपाल कैसे भाजपा को बहुमत सिद्ध करने का मौका दे सकते हैं, जबकि कांग्रेस-जेडीएस के पास पूरी संख्या है।

 

कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के गुजरात के राजकोट स्थित घर पर सुरक्षा बढ़ायी गयी। कांग्रेसी तोड़फोड़ ना करे इस आशंका के चलते सुरक्षा बढ़ाई गई है। इस बीच सिंघवी ने कहा कि अगर कल बहुमत परीक्षण के लिए सदन को बुलाया जाता है, तो भी इस मामले में कानून सम्मत निर्णय होना चाहिए कि क्या इस मामले में राज्यपाल निर्णय ले सकते हैं।

 

जस्टिस सीकरी ने सवाल उठाते हुए पूछा कि अगर दो पार्टियां अपने-अपने दावे कर रही हैं, तो गवर्नर ने किस आधार पर फैसला किया। इस पर भाजपा के वकील ने कहा कि ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव देते हुए कहा कि बेहतर होगा कि शनिवार को बहुमत परीक्षण हो।

 

जस्टिस सीकरी ने कहा कि अगर स्पष्ट बहुमत होता, तो कोई समस्या नहीं होता, अगर चुनाव से पहले गठबंधन होता तो स्थिति अलग होती, लेकिन चुनाव बाद गठबंधन से इसकी प्राथमिकता कम नजर आती है। रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया है और उन्हें जमीनी हकीकत पता है।

 

मुकुल रोहतगी ने सरकारिया कमीशन का जिक्र करते हुए कहा कि येदियुरप्पा को सदन में अपना बहमुत साबित करना है। सरकारिया कमीशन इस मामले में गाइडलाइन है और ये गवर्नर का विशेषाधिकार है। जस्टिस सीकरी ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस और जेडीएस ने गवर्नर को बहुमत की संख्या का पत्र दिया है, दूसरी तरफ येदियुरप्पा का दावा है कि उनके पास बहुमत है। किस आधार पर राज्यपाल ने येदियुरप्पा को गठबंधन के ऊपर तरजीह दी?

 

 

बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी ने राज्यपाल को दिए गए येदियुरप्पा को पत्रों को कोर्ट में पढ़कर सुनाया। सुप्रीम कोर्ट खचाखच भरा हुआ है, वरिष्ठ वकीलों को कोर्ट रूम में घुसने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अटॉर्जी जनरल ने कोर्ट रूप में निर्मित परिस्थितियों पर चिंता जताई। मुकुल रोहतगी ने येदियुरप्पा की ओर से राज्यपाल को भेजे गए दोनों पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश किए और दलील दी कि बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है। रोहतगी ने कांग्रेस और जेडीएस को अपवित्र बताया है। उन्होंने कहा कि नंबर दो और नंबर तीन पार्टियां बीजेपी से काफी पीछे हैं।

 

कर्नाटक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और बीजेपी की ओर से मुकुल रोहतगी कोर्ट में अपना-अपना पक्ष रखा। वरिष्ठ वकील शांति भूषण और राम जेठमलानी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। कांग्रेस नेता और वकील पी. चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।

 

बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी और अटॉर्नी जनरल केसी वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, दोनों लोग कोर्ट रूम में मौजूद है। सुब्रह्मणयम स्वामी ने कहा कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण को नहीं पलटा जा सकता, बहस का केवल एक ही मुद्दा है और वो है कि मुख्यमंत्री ने 7 दिनों का समय मांगा था, लेकिन राज्यपाल ने 15 दिन दे दिए और इस मामले पर कोर्ट में बहस हो सकती है। 

 

वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम कोर्ट को येदियुरप्पा की ओर से राज्यपाल को भेजे गए पत्र दिखाएंगे, जहां तक समर्थन की बात है तो ये सदन में साबित किया जाएगा और विधायकों की संख्या को गिनाएंगे। विधायकों की खरीद फरोख्त का कोई मामला नहीं है।

 

 

 

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