राष्ट्रीय
भारत-नेपाल संबंधों के बीच बाधक बन रहा है चीन
By Deshwani | Publish Date: 11/5/2018 12:33:21 PMनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पड़ोसी देश नेपाल के अपने तीसरे दौरे पर आज नेपाल पहुंच गए हैं। यह दौरा दोनों देशों की जनता के बीच संपर्कों को नया आयाम देने वाला दौरा कहा जा रहा है। नेपाल भारत की विदेश नीति में हमेशा से अहम देश रहा है। लेकिन हाल के वर्षों में दक्षिण एशिया में चीन की बढ़ती रुचि के कारण नेपाल को लेकर भारत काफी सजग हो गया है।
नेपाल पहाड़ी देश है जिसकी सीमा सिर्फ दो देशों से ही लगती है। तीन तरफ से भारत और तिब्बत की ओर से चीन की। अपनी जरूरतों के लिए नेपाल काफी हद तक भारत पर निर्भर है। लेकिन भारत के लिए नेपाल के संदर्भ में चीन की चुनौती अब हिमालय पर्वत जैसी बड़ी होती जा रही है। नेपाल में पिछले एक दशक में आए राजनीतिक बदलाव, माओवादी ताकतों का सत्ता में आना और चीन की नेपाल में एंट्री भारत के लिए बड़ी चुनौती है और मोदी सरकार को इन सबके बीच भारत का स्टेक सुरक्षित रखना होगा। तीनों देशों के रिश्तों के कई पहलू भारत की चिंता बढ़ा रहे हैं।
भारत का नेपाल के साथ अलग तरह का रिश्ता रहा है। नेपाल की सियासत से लेकर विदेश नीति तक भारत का प्रभाव काफी मजबूत रहा है। नेपाल की एक बड़ी आबादी भारत में नौकरियां या अन्य तरह के रोजगार से जुड़ी है। नेपाल और भारत के बीच आवा-जाही के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती। भारतीय रुपया नेपाल में बेधड़क चलता है। नेपाल अपनी जरूरत का अधिकांश सामान भारत से लेता है।