राष्ट्रीय
एससी/एसटी फैसला: केंद्र सरकार की रिव्यू पिटीशन पर 3 मई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
By Deshwani | Publish Date: 28/4/2018 11:04:06 AMनई दिल्ली। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) एक्ट पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई की तारीख 3 मई रखी है। याचिका में एक्ट के खिलाफ कोर्ट के फैसले पर पुन: विचार करने की मांग की गई थी। अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने इस मामले में पहले ही अपनी लिखित दलीलें दाखिल कर दी हैं। वेणुगोपाल ने पीठ से कहा, आपके आखिरी आदेश की अंतिम पंक्ति कहती है कि लिखित दलीलें दाखिल होने के बाद मामले को सूचीबद्ध करें। मैंने लिखित दलीलें दाखिल कर दी हैं। चार राज्यों ने भी पुनर्विचार याचिका दायर की है।
न्यायमूर्ति गोयल ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई तीन मई को होगी। अजा-अजजा कानून के तहत तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान पर रोक लगाने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग करते हुए केंद्र ने दो अप्रैल को शीर्ष न्यायालय का रुख किया था।
सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि शीर्ष अदालत का 20 मार्च का फैसला एससी/एसटी समुदायों के लिए संविधान की धारा 21 का उल्लंघन करता है। साथ ही उन्होंने कानून के प्रावधानों की बहाली की मांग की थी। केंद्र ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सांसदों व विधायकों समेत कई लोगों ने विरोध किया है। इनलोगों का मानना है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लोगों के हितों की रक्षा करने वाले एससी/एसटी अधिनियम का प्रावधान कमजोर हुआ है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा था। इसका दलित संगठनों की ओर से विरोध भी किया गया। इससे पहले भी दायर की गई पुनर्विचार याचिका की सुनवाई में भी कोर्ट ने कहा था कि जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्होंने हमारा आदेश नहीं पढ़ा है और शीर्ष अदालत ने अपने फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।