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यूपीएससी रिजल्ट : कठिन परिस्थितियों में आशीष नहीं मानी हार, आईएएस बनने का सपना हुआ साकार
By Deshwani | Publish Date: 28/4/2018 10:01:04 AM
यूपीएससी रिजल्ट : कठिन परिस्थितियों में आशीष नहीं मानी हार, आईएएस बनने का सपना हुआ साकार

वाराणसी। यूपीएससी ने 2017 में हुए सिविल सर्विसेज एग्जमिनेशन का रिजल्ट घोषित कर दिया है। लिखित परीक्षा और 2018 में हुए इंटरव्यू के आधार पर ये रिजल्ट घोषित किया है। इस बार हैदराबाद के अनुदीप दुरिशेट्टी ने टॉप किया है। जबकि दूसरे नंबर पर अनु कुमारी और तीसरे नंबर पर सचिन गुप्ता रहे हैं। मेरिट लिस्ट में 990 परीक्षार्थियों के नाम हैं। इसमें वाराणसी के चार मेधावियों ने अपना परचम लहराया है। इन चार मेधावियों में दो मेधावी एक ही परिवार के है। कठिन परिस्थितियों के सामने अक्सर लोग हार जाते हैं। वो भी तब, जब आपका सपना देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी क्लियर करने का हो और आपके हालात सही न हों। फिर भी अगर आपको मंजिल पाने की चाहत हो तो रास्ता आसान हो जाते हैं। इसका चरितार्थ कवि हरिवंश राय बच्चन ने अपने कविता के द्वारा किए हैं।

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती।

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती॥

नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है।

चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है॥

मन का साहस रगों में हिम्मत भरता है।

चढ़ कर गिरना, गिर कर चढ़ना न अखरता है॥

मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती ।

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती॥


डुबकियां सिन्धु में गोताखोर लगाता है।

जा जा कर खाली हाथ लौट कर आता है॥

मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में।

बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में ॥

मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती ।

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती॥


असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो।

क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो॥

जब तक न सफल हो, नींद-चैन को त्यागो तुम ।

संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम ॥

उन्नाव के पुरवा गांव के सर्वेश कुमार का बेटे आज युवाओं के लिए नजीर बनकर खड़ा है। कठिन परिस्थितियों में भी आशीष अपने लक्ष्य से नहीं भटके। आशीष ने संघ लोक सेवा आयोग की चयनित सूची में 817वां स्थान मिला है। घर की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी, इसलिए घर-घर जाकर ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई को पूरा किया। उन्नाव के डीएसएन कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई करने के बाद एमए प्राइवेट किया और सरकारी नौकरी की तैयारियां शुरू की। कड़ी मेहनत के बाद कस्टम एंड एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर पद पर हुआ लेकिन सपना आईएएस बनने का था, तो फिर से मेहनत शुरू की और सफलता हासिल की। 

 

यूपीएससी ने 2017 का रिजल्ट घोषित होने के बाद हंसनगर कॉलोनी टकटकपुर निवासी प्रभु नारायण सिंह के घर खुशियों दोगुनी हो गई। बेटा और बेटी ने यूपीएससी परीक्षा में सफल होकर जीत की नई इबारत लिखी है। 

प्रभु नारायण सिंह के बेटे प्रवीण सिंह ने 152वीं और बेटी डॉ. प्रियंका सिंह ने 309वीं रैंक हासिल की है। रिजल्ट की घोषणा के बाद से ही इनमें घरों में बधाइयों का तांता लगा हुआ है। 

 

2014 में बीटेक पूरा करने के बाद प्रवीण ने नौकरी नहीं की। उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी करनी शुरू की। पहले प्रयास में वो सफल नहीं हुए, उन्होंने लक्ष्य बनाया और मेहनत रंग लाई। दूसरे प्रयास में उन्होने 152वीं रैंक हासिल कर अपने सपने को साकार कर लिया। उन्होंने बताया कि हमेशा से उन्होंने अपनी बहन को ही अपना आदर्श माना। 

 

यूपीएससी 2017 में 152वीं रैंक हासिल करने वाले प्रवीण की बहन डॉ. प्रियंका ने भी यूपीएससी में 362वीं रैंक हासिल की है। प्रियंका संत अतुलानंद स्कूल की 2005 की डिस्ट्रिक्ट टॉपर रही हैं। साल 2012 में प्रियंका ने  मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और फिर 2014 में एमडी, लेकिन लक्ष्य सिविल सर्विसेज की थी। पिछले साल यूपीएससी में 362 रैंक मिली थी। अभी वो आईआरएस की ट्रेंनिंग ले रही हैं। 

 

डॉ. अनिल प्रताप सिंह हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर डॉ. अनिल प्रताप सिंह की बेटी रूपसी सिंह ने अपने परिवार का मान बढ़ाया है। अपने दूसरे प्रयास में रूपसी ने संघ लोक सेवा आयोग में 325वीं स्थान हासिल किया है। रूपसी इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ मेकैनिकल इंजीनियरिंग (आईआरएसएमई) में प्रोबेशनर हैं। पहले प्रयास में रूपसी मेन्स में चार नंबर से रह गई थीं, मेहनत फिर की और सफलता हासिल कर ली। 

 

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