नई दिल्ली। जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। फैसले से खुश होते हुए पीड़िता के पिता ने कहा कि बेटी की हिम्मत से ही ‘ढोंगी बाबा को उसके किए की सजा मिल सकी।’आसाराम को जोधपुर की एक अदालत द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के कुछ देर बाद पीड़िता के पिता पुलिस सुरक्षा में मीडिया से मुखातिब हुए।
पीड़िता के पिता ने कहाः
हमें पहले से ही न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और हमारा भरोसा सच साबित हुआ।
हमने लड़ाई जीत ली है। आसाराम जेल में ही रहेगा।
हमें अब किसी का डर नहीं है क्योंकि न्यायपालिका और प्रशासन हमारे साथ हैं।
हमें प्रशासन तथा शहर के लोगों एवं मीडिया ने पूरा सहयोग किया तभी हम लड़ाई जीत पाए हैं।
अगर अब हमारी मौत भी हो जाती है तब भी हमें कोई गम नहीं होगा क्योंकि हमने अपनी बेटी को न्याय दिला दिया।
आज आसाराम को सजा सुनाए जाने से पहले जब पीड़िता के पिता मीडिया के सामने आए तो उनके चेहरे पर चिंता की रेखाएं साफ झलक रही थीं परंतु जब अदालत से आसाराम को आजीवन कारावास तथा उनके दो सहयोगियों को 20-20 वर्ष की सजा सुनाई गई तो दोबारा मीडिया के सामने आने पर उनके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी।
निर्भया के परिजन खुश
आसाराम की सजा पर दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़िता निर्भया के परिजनों ने खुशी का इजहार किया । निर्भया के दादा लाल जी सिंह ने अदालत के फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके उनके परिजनों के कलेजे को भी ठंडक पहुंची है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के समय ही जब आसाराम ने निर्भया कांड के गुनाहगारों की वकालत करते हुए निर्भया को कसूरवार ठहराया था, तभी परिवार को एहसास हो गया था कि ‘‘आसाराम साधु के वेश में दरिंदा’’ है।