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महाभियोग प्रस्ताव पर एक महीने तक किया था विचार : नायडू
By Deshwani | Publish Date: 24/4/2018 5:49:07 PM
महाभियोग प्रस्ताव पर एक महीने तक किया था विचार : नायडू

 नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि भारत के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज करने का उनका फैसला समय से और बगैर किसी जल्दबाजी के लिया गया है। यह फैसला एक महीने तक 'पूरी तरह सोच विचार' करने के बाद लिया गया।

महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के एक दिन बाद नायडू ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी इसकी अनुमति देती है लेकिन आखिरकार सच की जीत होती है। मुझसे जो अपेक्षा की जाती थी वह न्यायपूर्ण काम मैंने बेहतरीन तरीके से किया। उन्होंने कहा कि संविधान और न्यायाधीश जांच कानून 1968 के प्रावधानों का सख्ती से पालन करते हुए निर्णय किया। उच्चतम न्यायालय के 10 वकीलों के एक समूह से नायडू ने कहा कि मैंने अपना काम किया है और मैं इससे संतुष्ट हूं। ये वकील महाभियोग प्रस्ताव खारिज करने के फैसले पर उपराष्ट्रपति को बधाई देने के लिए आए थे।
 
खबरों के अनुसार नायडू ने वकीलों से कहा कि राज्यसभा के सभापति का दफ्तर महज डाकघर नहीं है बल्कि एक संवैधानिक संस्था भी है जो उप राष्ट्रपति भी है। उन्होंने कहा कि सीजेआई देश के सर्वोच्च न्यायिक पदाधिकारी हैं और उनसे जुड़ा कोई भी मुद्दा अगर सार्वजनिक तौर पर आता है तो उसे तय प्रक्रियाओं के मुताबिक जल्द से जल्द सुलझाने की जरूरत है ताकि माहौल को ज्यादा खराब होने से रोका जाए। नायडू ने सोमवार को कांग्रेस सहित सात विपक्षी पार्टियों ओर से दिए गए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया था। कांग्रेस ने उनके फैसले को अवैध और जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया था। 
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