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नरोदा पाटिया नरसंहार मामला: माया कोडनानी हुई बरी, बाबू बजरंगी की सजा बरकरार
By Deshwani | Publish Date: 20/4/2018 1:27:09 PM
नरोदा पाटिया नरसंहार मामला: माया कोडनानी हुई बरी, बाबू बजरंगी की सजा बरकरार

अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में आज माया कोडनानी को बरी कर दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए आज गुजरात हाईकोर्ट ने एसआईटी की विशेष अदालत के फैसले को पलटते हुए 32 दोषियों में से 17 को बरी कर दिया, जिसमें माया कोडनानी का नाम भी शामिल है। वहीं, कोर्ट ने 12 दोषियों की सजा को बरकरार रखा है। अभी इस मामले में 2 अन्य दोषियों पर फैसले का इंतजार है। बता दें कि एसआईटी की विशेष अदालत ने माया कोडनानी को 28 सालों की सजा सुनाई थी। 

 
वहीं, कोर्ट ने दोषी बाबू बजरंगी की सजा को बरकरार रखा है। बाबू बजरंगी के अलावा हरेश छारा, सुरेश लंगड़ा को भी दोषी करार दिया गया है। उल्लेखनीय है कि 16 साल पहले 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के नरोदा पाटिया इलाके में सबसे बड़ा नरसंहार हुआ था। नरोदा पाटिया में हुए दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी, इसमें 33 लोग जख्मी भी हुए थे।
 
इस मामले में अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिए विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोडनानी को 28 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सात अन्य को 21 साल के आजीवन कारावास और शेष अन्य को 14 साल के साधारण आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में 29 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था। जहां दोषियों ने निचली अदालत के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, वहीं विशेष जांच दल ने 29 लोगों को बरी किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
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