राष्ट्रीय
केंद्र ने जारी किए आदेश, अब कहीं नहीं कर सकेंगे दलित शब्द का प्रयोग
By Deshwani | Publish Date: 13/4/2018 6:39:05 PM नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बोलचाल और लिखित में दलित शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने सभी राज्यों के प्रमुक सचिवों को लिखित आदेश जारी किए हैं। इससे पहले सरकारी स्तर या कहीं भी दलित शब्द का प्रयोग वर्जित था।
केंद्र ने अब सरकारी दस्तावेज से लेकर किसी भी पत्रावली में दलित शब्द का प्रयोग करने पर रोक लगा दी है। मोदी सरकार ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा 21 जनवरी को दिए निर्णय के अनुसार सरकारी दस्तावेज और कई अन्य जगहों पर दलित शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई थी।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का हवाला देते हुए केंद्र ने सभी प्रदेशों में दलित शब्द का प्रयोग बंद करवाया है। अब किसी भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के आगे उनकी जाति का नाम लिखा जाना सरकार ने अनिवार्य कर दिया है। इससे पहले तत्कालीन सरकार ने 10 फरवरी 1982 को नोटिफिकेशन जारी कर हरिजन शब्द पर भी रोक लगाई थी। अब हरिजन बोलने पर कड़ी सजा का प्रावधान है, लेकिन बता दें कि अभी यह पता नहीं कि दलित शब्द का प्रयोग करने पर कितनी सजा का प्रावधान किया गया है।
मत्रालय द्वारा प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि दलित शब्द का प्रयोग संविदान में कहीं नहीं है। बता दें कि इससे पहले वर्ष 1990 में इसी प्रकार का एक आदेश जारी हुआ था। जब सरकारी दस्तावेजों में अनुसूचित जाति के लोगों के लिए सिर्फ जाति लिखने के निर्देश दिए गए थे।