मोतिहारी। आज चंपारण सत्याग्रह की भूमि मोतिहारी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोजपुरी में संबोधन आरंभ किया। भोजपुरी में ही कहा कि महात्मा गांधी ने चंपारण के बड़हरवा लखनसेन से स्वच्छता अभियान की शुरूआत की थी। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि इतिहास खुद को दोहराता है। सौ वर्ष पहले का इतिहास फिर साक्षात मौजूद है। मेरे सामने वो स्वच्छाग्रही बैठे हैं, जिनके भीतर गांधी विराजमान हैं। मैं उनको प्रणाम करता हूं। प्रधानमंत्री सहित तमाम बड़े नेता मंच पर उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए तकरीबन 20,000 स्वच्छाग्रही उपस्थित थे। मोतिहारी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री वहां दो घंटे रहेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने देश की करोड़ों-करोड़ महिलाओं की जिंदगी जिस तरह बदली है, उससे आप भली-भांति परिचित हैं। एक शौचालय के निर्माण से महिला को सम्मान, सुरक्षा और स्वास्थ्य, तीनों मिल रहा है। मुझे बताया गया है कि अब तो बिहार में भी शौचालयों को ‘इज्जत घर’ कहकर बुलाया जाने लगा है।
उन्होंने कहा कि ये लोगों की इच्छाशक्ति ही है कि 4 अप्रैल, यानी पिछले एक हफ्ते में , जिस दौरान सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह सप्ताह मनाया गया है, बिहार, यूपी, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर में लगभग 26 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। मोदी के अनुसार गांधी जी की इसी भावना को जीते हुए, सवा सौ करोड़ देशवासी मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। ये उनका स्वच्छाग्रह ही है कि 2014 में स्वच्छता का जो दायरा 40 प्रतिशत से भी कम था, वो अब बढ़कर 80 प्रतिशत से भी ज्यादा हो चुका है।
उन्होंने कहा कि चंपारण की धरती पर सौ साल पहले दुनिया ने ऐसा आंदोलन देखा था। आज फिर दुनिया इस आंदोलन को देख रही है। चंपारण से मेरा पुराना नाता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने स्वच्छाग्रहियों को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने मोतिहारी व सुगौली में दो पेट्रोलियम परियोजनाओं और दो सड़क योजनाओं का उद्घाटन किया। साथ ही प्रधानमंत्री ने रिमोट से स्वच्छाग्रही ई-बुक का लोकार्पण करते हुए हमसफर एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। साथ ही रेलवे की योजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने रिमोट से विभिन्न विकास योजनाओं का उद्घाटन किया। मोतिहारी में मोती झील के सौदर्यीकरण, बेतिया में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति तथा नवामी गंगे परियोजना का प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया।
इस मौके पर मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि गांधी जी ने सत्याग्रह के साथ स्वच्छता के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षा पर भी जोर दिया। आजादी के बाद इसपर ठीक से अमल नहीं हुआ। गांधीजी के बाद स्वच्छता को अभी किसी ने ठीक से उठाया तो वे लोहिया थे। हमें स्वच्छता के लिए समर्पित होना पड़ेगा। हमने बिहार में इसके लिए विशेष अभियान चलाया है। इसके अलावा हर घर नाली व स्वच्छ पेयजल को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है। स्वच्छता को लेकर अभियान से ही प्रगति होगी। बिहार के स्कूलों में गांधी के विचारों से नई पीढ़ी को अवगत कराया जाएगा। स्कूलों में उनकी कथाएं पढ़ाई जाएंगी। अगर नई पीढ़ी का 10 फीसद भी गांधी के विचारों को अपना ले तो समाज व देश बदल जाएगा।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने संबोधित करते हुए कहा कि गांधी ने स्वच्छता का सपना देखा था। उनके और भी कई सपने थे। वे चाहते थे कि लोगों को रोटी मिले, साथ ही सम्मान के साथ जीने का अधिकार भी मिले। यही उनका राम राज्य था। लंबे समय तक उनके सपने के पूरा होन की प्रतीक्षा होती रही। मैंने नरेंद्र मोदी को गुरु मानकर सीखा कि विकास के लिए कैसे काम हो सकता है। गांधीजी के सपनों को पूरा करने के लिए नरेंद्र मोदी आगे आए हैं।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने संबोधित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अफ्रीका के बाद गांधी जी का सफल सत्याग्रह चंपारण में सफल रहा। इस सत्याग्रह ने देश को दिशा दी। यहां उन्होंने स्वच्छता व सत्याग्रह का सबक दिया। गांधी जी के दो अस्त्र थे- सत्याग्रह व स्वच्छता। जैसे गांधी के नाम से सत्याग्रह जुड़ा है, वैसे ही नरेंद्र मोदी के नाम से स्वच्छता जुड़ जाएगा। रामविलास पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास नीति है। उनकी नीयत भी साफ है।
केंद्रीय मंत्री व मोतिहारी के भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह ने संबोधित किया। चंपारण सत्याग्रह व स्वच्छता आंदोलन से संबंधित लघु फिल्म दिखाई गई।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि गांधी जी ने सौ साल पहले न केवल अंग्रेजों के खिलाफ सत्याग्रह किया था, बल्कि स्वच्छता का भी संदेश दिया था।