नई दिल्ली। एससी-एसटी एक्ट में संसोधन के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दलित संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के दौरान भड़की हिंसा के खिलाफ आज देशभर में कई संगठनों ने फिर से भारत बंद का आह्वान किया है। भारत बंद का असर बिहार के विभिन्न हिस्सों में रहा। कई जगह आंदोलनकारियों ट्रेन रोकी, तो कई जगहों पर बाजार बंद करवा दिए गए। आज बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने दरभंगा में ट्रेन रोककर छात्रों ने नारेबाजी की। आरा जिले के आनन्दनगर मुहल्ले में बंद समर्थक और बंद विरोधी समर्थकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई। भारत बंद के दौरान कोई हिंसक घटनाएं न हों, इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने पुख्ता तैयारियां की हैं और भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। देश के कई राज्यों में संवेदनशील जगहों पर धारा 144 लागू की गई है। कई जगह इंटरनेट सेवाएं स्थगित की गई हैं।
भारत बंद को देखते हुए बिहार के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। सभी चौक-चौराहों और संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा सख्त है। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को देखते हुए पटना और मोतिहारी में विशेष चौकसी बरती जा रही है। आंदोलनकारियों ने मुंगेर में भारत बंद के दौरान लोगों ने ट्रेन रोका। जमालपुर-भागालपुर रेल खण्ड के बीच रतनपुर स्टेशन के पास दानापुर इन्टरसिटी एक्सप्रेस को रोक दिया गया। इससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना कारना पड़ा। बंद में शामिल लोग आरक्षण हटाने की मांग कर रहे हैं। आरा-सासाराम मुख्य मार्ग और आरा-बक्सर मुख्य मार्ग को भी आंदोलनकारियों ने जाम कर दिया है। जाम की वजह से गाड़ियों की लंबी कतार लगी है।
गौरतलब है कि भोजपुर में प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने सड़क पर आगजनी कर आवागमन बाधित कर दिया। नवादा थाना क्षेत्र के चंदवा मोड़ के समीप आरक्षण के खिलाफ नारे लगा रहे युवाओं का कहना था कि आरक्षण जाति के हिसाब से नहीं, बल्कि आर्थिक रुप से कमजोर लोगों को मिलना चाहिए ताकि हर वर्ग के लोग समाज की मुख्यधारा में आ सके। हालांकि इस भारत बंद को किसी भी बड़ी पार्टी का समर्थन नहीं मिला है, लेकिन राजपूत महासभा, राजपूत अधिकार मंच और सवर्ण समाज की ओर से बंद को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
भारत बंद' के दौरान हुई हिंसा के बाद, भारत सरकार ने आज मंगलवार को सवर्णों द्वारा 'आरक्षण हटाओ' की मांग को लेकर किए जा रहे 'भारत बंद' पर पहले से ही सतर्कता बरतना प्रारम्भ कर दी है। बंद को लेकर अब तक ग्वालियर को छोड़कर किसी जिले से कोई संगठन सामने नहीं आया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा है. गृह मंत्रालय ने राज्यों को भारत बंद के संबंध में परामर्श जारी करते हुए कहा है कि अगर किसी इलाके में हिंसा हुई, तो इसके लिए वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे. यानि हिंसा होने के लिहाज से उन पर गाज गिरनी तय है। मंत्रालय ने एडवाइजरी में यह भी कहा है कि कुछ समूहों द्वारा सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद के मद्देनजर जरूरी एहतियाती कदम उठाए जाएं।