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संसद में गतिरोध, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश
By Deshwani | Publish Date: 16/3/2018 7:11:45 PM
संसद में गतिरोध, सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश

नयी दिल्ली। आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग, पीएनबी धोखाधड़ी मामला समेत विभिन्न मुद्दों पर संसद में कायम गतिरोध शुक्रवार को लगातार दसवें दिन भी जारी रहा और दोनों सदनों की कार्यवाही एक-एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।  इसी बीच भाजपा नीत राजग सरकार के खिलाफ लोकसभा में पहला अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन हंगामे के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका। 

 
मौजूदा सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव वाईएसआर कांग्रेस के वाईवी सुब्बारेड्डी और तेदेपा के टी नरसिंहन ने पेश किया।  उस समय सदन में विभिन्न मुद्दों पर हंगामा जारी था।  हंगामे के कारण दोनों सदनों में प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सके।  संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण पांच मार्च को शुरू हुआ था और इस चरण के पहले दो सप्ताह की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी।  सुबह, लोकसभा की बैठक शुरू होने पर हालिया संपन्न उपचुनावों में गोरखपुर लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए समाजवादी पार्टी के प्रवीण कुमार निषाद और फूलपुर से सपा के ही नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने शपथ ली. अररिया से निर्वाचित हुए राजद के सरफराज आलम ने भी शपथ ली।  इसके बाद सदन ने वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग, अपने तीन पूर्व सदस्यों और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हाल ही में नक्सलियों के हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि दी।  सदन ने अपने तीन पूर्व सदस्यों उत्तमभाई हरजीभाई पटेल, बोल्ला बुल्ली रमैया और सुशीला बंगारू लक्ष्मण को भी श्रद्धांजलि दी। 
 
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों को 18 मार्च से शुरू हो रहे नव संवत्सर की अग्रिम बधाई भी दी. इसके बाद उन्होंने प्रश्नकाल शुरू कराने का प्रयास किया, लेकिन पिछले दिनों की तरह ही तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर आसन के समीप आ गये।  तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य भी अपने राज्य में आरक्षण संबंधी मांग उठाने लगे।  हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।  एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर विभिन्न दलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।  सदन में शोरगुल के बीच ही अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें वाईवी सुब्बारेड्डी और टी नरसिंहन का सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मिला है।  वह इस विषय पर कर्तव्य से बंधी हैं।  लेकिन, सदन में व्यवस्था नहीं है।  उन्होंने सदस्यों से अपने-अपने स्थानों पर जाने की अपील की।  लेकिन, सदन में शोरगुल होता रहा।  इस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ‘चूंकि सदन में व्यवस्था नहीं है, इसलिए वाईएसआर कांग्रेस के वाईवी सुब्बारेड्डी और तेदेपा के टी नरसिंहन के अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। ' इसके बाद उन्होंने बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी। 
 
उधर, राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा एक ही साथ-अलग अलग मुद्दे उठाने की कोशिश के चलते हुए हंगामे की वजह से राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद ही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।  सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की।  उन्होंने कहा, ‘मुझ गहरी पीड़ा है कि पिछले दो सप्ताह से संसद के उच्च सदन में कोई कामकाज नहीं हो पा रहा है।  लोग यह देखकर परेशाान और निराश हैं कि व्यवधान की वजह से बैठक लगातार बैठक बाधित हो रही है तथा सभी जरूरी कामकाज रुके हुए हैं। '
 
उन्होंने कहा, ‘केवल पीएनबी घोटाला ही नहीं, देश में हुए सभी बैंक घोटाले गंभीर हैं।  इन पर चर्चा होनी चाहिए।  मैं सभी मुद्दों पर बहस की अनुमति देता हूं. मैं एक बार फिर अपील करता हूं कि सदन चलने दें और बहस के दौरान अपनी बात रखें। ' इस पर कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा, ‘आपकी भावनाओं से कोई असहमत नहीं है।  हम इस बात से सहमत हैं कि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. लेकिन, क्या आप अपने लंबे राजनीतिक जीवन में ऐसा होते हुए पहली बार देख रहे हैं। ' इस पर नायडू ने सवाल किया ‘इसका मतबल क्या यह है कि अगर पहले किसी ने कोई गलती की है तो उसे आगे भी दोहराया जाये।  क्या आप चाहते हैं कि सदन में व्यवधान जारी रहे। ' इसी दौरान कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गये।  अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी अपने मुद्दे उठाने का प्रयास किया।  सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख नायडू ने बैठक ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी। 
 
भोजनावकाश के बाद उपसभापति पीजे कुरियन की अनुमति से तेदेपा सदस्य और पूर्व मंत्री वाईएस चौधरी ने एक बयान दिया।  चौधरी ने मांग की कि यह वर्तमान सरकार का दायित्व है कि वह संसद के पटल पर दिये गये आश्वासनों को पूर्व प्रभाव से लागू करे।  तेदेपा सदस्य का यह बयान ऐसे समय दिया गया है, जबकि उनके दल ने शुक्रवार को ही केंद्र के सत्तारूढ़ गठबंधन राजग से खुद को अलग कर लिया।  चौधरी का बयान जैसे ही खत्म हुआ अन्नाद्रमुक, तेदेपा और कांग्रेस आदि के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये।  सदन में हंगामा थमते नहीं देख उपसभापति कुरियन ने दो बजकर करीब 50 मिनट पर बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी। 
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