ब्रेकिंग न्यूज़
मोतिहारी के केसरिया से दो गिरफ्तार, लोकलमेड कट्टा व कारतूस जब्तभारतीय तट रक्षक जहाज समुद्र पहरेदार ब्रुनेई के मुआरा बंदरगाह पर पहुंचामोतिहारी निवासी तीन लाख के इनामी राहुल को दिल्ली स्पेशल ब्रांच की पुलिस ने मुठभेड़ करके दबोचापूर्व केन्द्रीय कृषि कल्याणमंत्री राधामोहन सिंह का बीजेपी से पूर्वी चम्पारण से टिकट कंफर्मपूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री सांसद राधामोहन सिंह विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगेभारत की राष्ट्रपति, मॉरीशस में; राष्ट्रपति रूपुन और प्रधानमंत्री जुगनाथ से मुलाकात कीकोयला सेक्टर में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को 9 गीगावॉट से अधिक तक बढ़ाने का लक्ष्य तय कियाझारखंड को आज तीसरी वंदे भारत ट्रेन की मिली सौगात
राष्ट्रीय
राष्ट्रगान में बदलाव की उठी मांग, 'सिंध' शब्द हटाने का संसद में रखा प्रस्ताव
By Deshwani | Publish Date: 16/3/2018 6:31:20 PM
राष्ट्रगान में बदलाव की उठी मांग, 'सिंध' शब्द हटाने का संसद में रखा प्रस्ताव

नई दिल्ली। जिस 'जन-गण-मन' को गाकर हम देशभक्ति के भावों से ओत-प्रोत होते रहे हों आज उसमें बदलाव की मांग उठाई जा रही है। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने शुक्रवार को राज्यसभा में राष्ट्र गान को लेकर एक संशोधन की मांग करते हुए प्रस्ताव पेश किया है। उनके अनुसार राष्ट्रगान से सिंध शब्द को हटाकर इसमें 'उत्तर पूर्व' शब्द जोड़ा जाना चाहिए। 

 
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सिंध आज भी राष्ट्रीय गान का हिस्सा है लेकिन अब देश का हिस्सा नहीं है। अब वह पाकिस्तान के दायरे में आता है और वह मुल्क हमेशा से भारत से दुश्मनी निभाते आया है। इसलिए इस शब्द को हटाकर नॉर्थ ईस्ट शब्द को लगाना चाहिए। बोरा ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए उसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय । 
 
अपने प्रस्ताव में बोरा ने लिखा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी, 1950 में कुछ शब्द और एक म्यूजिक सदन में पेश किया था, जिसे राष्ट्रगान कहा गया लेकिन वक्त के साथ हालात और नक्शा दोनों बदल गए हैं इसलिए अब राष्ट्रगान में संशोधन करने की आवश्यकता है। बिल में कहा गया कि हमेशा भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तान के भूभाग (सिंध) के नाम को राष्ट्रगान से हटा देना चाहिए। इसके लिए बोरा ने अन्य दलों के सांसदों से भी बात की है और उनसे समर्थन करने की अपील भी की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले शुक्रवार को जब यह बिल सदन में आएगा तो इसपर चर्चा के जरिए कोई समाधान जरूर निकल सकता है।
 
बता दें कि शिवसेना ने भी वर्ष 2016 में इसी तरह की मांग उठाई थी। सांसद अरविंद सावंत ने 'सिंध' शब्द को राष्ट्रगान से हटाने की मांग करते हुए कहा था कि अब प्रांत पाकिस्तान का हिस्सा है इसलिए इसे हटा देना चाहिए। गौरतलब है कि रवीद्रनाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्रगान को 11 दिसंबर] 1911 में लिखा था। इसे पहली बार कांग्रेस के 27वें वार्षिक अधिवेशन में कलकत्ता में गाया था। टैगोर ने मूल गीत की रचना बांग्ला भाषा में की थी। मूल गीत में पांच पैरा हैं जिनमें से पहले पैरा को ही भारत के राष्ट्रगान के तौर पर अपनाया गया है। 
image
COPYRIGHT @ 2016 DESHWANI. ALL RIGHT RESERVED.DESIGN & DEVELOPED BY: 4C PLUS