राष्ट्रीय
शिवसेना ने कहा, 2019 के बाद लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के संख्या बल में होगा बदलाव
By Deshwani | Publish Date: 15/3/2018 4:34:40 PMमुंबई। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की लोकसभा सीटों के साथ बिहार की लोकसभा सीट पर हुए उपचुनावों से बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी को गोरखपुर, फूलपुर और अररिया तीनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। इसी बीच राजग के घटक दल शिवसेना ने गुरुवार को लोकसभा चुनाव 2019 के बाद लोकसभा में भाजपा और कांग्रेस के संख्या बल में बदलाव की बात कही है। शिवसेना ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार उपचुनावों के परिणाम विपक्ष में उत्साह का संचार करेंगे। पार्टी का कहना है कि हालांकि विपक्ष के पास सत्तारूढ़ दल से टक्कर लेने के काबिल कोई नेता नहीं है।
गौरतलब है कि शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में लिखा है कि 2019 में होने वाले आम चुनावों में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'छवि' से लड़ना होगा। सामना ने लिखा है कि उपचुनाव का परिणाम विपक्ष को उत्साह से भर देगा। पार्टी का कहना है कि लोग अब अपनी 'कल्पना की दुनिया' से बाहर आ रहे हैं। शिवसेना का कहना है कि लोगों को अब एहसास हो गया है, कि उनके साथ धोखा हुआ है। हालांकि विपक्ष के पास ऐसा नेतृत्व नहीं है, जो जनता में व्याप्त आक्रोश को हवा दे सके। हालांकि, शिवसेना ने अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों के बाद संसद में भाजपा और कांग्रेस की सदस्य संख्या में बदलाव आने की बात कही है।
शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के पास लोकसभा में फिलहाल 280 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 50 सीटें भी नहीं हैं। यदि अन्य विपक्षी दलों को शामिल कर लिया जाए तो उनकी सम्मिलित सदस्य संख्या 150 भी नहीं पहुंचेगी। 2014 में यह स्थिति थी। लेकिन 2019 में इसमें पक्का बदलाव होगा। सामना ने लिखा है कि राहुल गांधी (कांग्रेस अध्यक्ष) का कद बढ़ रहा है, लेकिन वह नेता राहुल गांधी नहीं हो सकते हैं। शरद पवार (राकांपा प्रमुख), ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख) और मायावती (बसपा सुप्रीमो) में प्रधानमंत्री बनने की लालसा पल रही है। शिवसेना का कहना है कि नरेन्द्र मोदी की छवि बड़े पर्दे के हीरो की तरह हो गई है, कांग्रेस अध्यक्ष को इस छवि से लड़ना होगा।