नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने INX मीडिया मनी लांडरिंग मामले में सुनवाई करते हुए 26 मार्च तक कार्ति की गिरफ्तारी से अंतरिम सरंक्षण बरकरार रखा है। कार्ति के मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट करेगा। दिल्ली हाई कोर्ट से कार्ति के सभी लंबित मामलों का ट्रांसफर सुप्रीम कोर्ट में किया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि क्या रिट याचिका में हाईकोर्ट अग्रिम जमानत दे सकता है?
कार्ति के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में ईडी की याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से कहा गया कि हाई कोर्ट के इस अंतरिम आदेश से 1000 से ज्यादा उन मामलों पर प्रभाव पड़ेगा जिसकी हम जांच कर रहे हैं।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को एक लिस्ट देते हुए कहा कि आप ये देखिए हम कितने गंभीर मामलों की जांच कर रहे हैं। ईडी ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश से सभी PMLA के आरोपी राहत पाने के लिए हाई कोर्ट आएंगे। ईडी ने कहा कि PNB धोखाधड़ी मामले के आरोपी भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर राहत की गुहार लगाएंगे।
ईडी ने कहा कि PMLA की धारा 19 की व्याख्या जरूरी क्योंकि इसको लेकर अलग अलग कोर्ट के जी फैसले है। ईडी ने कहा कि हाई कोर्ट ने PMLA की धारा 19 की व्याख्या करने के लिए बड़ी बेंच बनाने की गुजारिश की है ऐसे में ये आदेश केवल हाई कोर्ट तक सीमित रहेगा। बेहतर होगा कि सुप्रीम कोर्ट इसकी व्याख्या करे।
INX मीडिया केस में दिल्ली हाईकोर्ट के कार्ति चिदंबरम को 20 मार्च तक अंतरिम सरंक्षण देने के खिलाफ ईडी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि कार्ति को अग्रिम जमानत के फैसले का असर नीरव मोदी केस पर भी पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में ईडी ने कहा है दिल्ली हाईकोर्ट को कार्ति को अपने क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल कर अग्रिम जमानत नहीं देनी चाहिए थी। हाईकोर्ट का ये आदेश नीरव मोदी जैसे आरोपियों के लिए बिना पूछताछ और जांच के ही राहत का कानूनी उपकरण बन जाएगा। ईडी के पास 1003 ऐसे केस लंबित हैं और डर ये है कि इन सभी केसों में हाईकोर्ट के कार्ति को सरंक्षण देने आदेश का असर पड़ेगा।