नई दिल्ली। आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग, पीएनबी धोखाधड़ी मामले समेत कई मुद्दों पर लोकसभा में कई दलों के सदस्यों के हंगामे की वजह से बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान सदन में एक दिन भी प्रश्नकाल पूरा नहीं हो सका। सदस्यों के हंगामे की वजह से बैठक को गुरुवार को भी शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सरकार ने कांग्रेस समेत विरोध प्रदर्शन कर रहे सभी दलों से अपने स्थान पर जाने और कार्यवाही चलने देने की अपील की और कहा कि वह सभी विषयों पर चर्चा के लिए पहले दिन से तैयार है। लेकिन सरकार की इस अपील का कोई असर नहीं हुआ और बजट सत्र में लगातार नौवें दिन आज प्रश्नकाल नहीं चल सका।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की बैठक शुरू होते ही तेलगूदेशम पार्टी (तेदेपा) और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने और राज्य से संबंधित अन्य मांगें उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड बनाने की अपनी मांग पर, वहीं तेलंगाना राष्ट्र समिति के सदस्य अपने राज्य में आरक्षण के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आगे आ गए।
कांग्रेस के सदस्य पीएनबी धोखाधड़ी मामले पर अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल चलाने का प्रयास किया और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण से संबंधित हेमा मालिनी के एक पूरक प्रश्न का उत्तर भी शोर-शराबे के बीच दिया।
लेकिन इस दौरान नारेबाजी और तेज हो गई। इस बीच संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कंाग्रेस और विरोध प्रदर्शन कर रहे अन्य सभी दलों के सांसदों से आसन के पास से अपनी सीटों पर जाने का तथा कार्यवाही चलने देने का आग्रह करते हुए कहा कि सरकार पहले दिन से आंध्र प्रदेश, बैंकिंग और कावेरी नदी जल सहित सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है , लेकिन यदि सदस्य ऐसे आसन के समीप आकर गतिरोध पैदा करेंगे तो कोई काम नहीं हो सकेगा। हालांकि हंगामा कर रहे सदस्यों पर सरकार की अपील का कोई असर नहीं पड़ा और हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की बैठक शुरू होने के करीब पांच मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।