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68 फीसद सेना के साजोसमान संग्रहालय लायक, 24 फीसद इस्‍तेमाल में लाने योग्य : सेना उप प्रमुख
By Deshwani | Publish Date: 14/3/2018 11:43:12 AM
68 फीसद सेना के साजोसमान संग्रहालय लायक, 24 फीसद इस्‍तेमाल में लाने योग्य : सेना उप प्रमुख

नई दिल्ली। सेना के वरिष्‍ठ अधिकारी ने स्थायी संसदीय समिति के सामने कहा है कि सेना के 68 फीसदी साजोसमान (हथियार) विंटेज श्रेणी यानी संग्रहालय में विरासत के रूप में रखने लायक हो चुके हैं और बजट में मौजूदा परियोजनाओं के लिए भी पर्याप्त धन नहीं है। इतना ही नहीं सेना के आधुनिकीकरण के लिए भी बजट में कोई आवंटन नहीं है।

 

उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल शरदचंद ने स्थायी संसदीय समिति के समक्ष कहा कि सेना ने अपने आधुनिकीकरण योजना के तहत मेक इन इंडिया के लिए 25 परियोजनाओं की पहचान की है, लेकिन इनमें से कई को खत्म करना पड़ सकता है क्योंकि इसके लिए पर्याप्‍त बजट नहीं है। 

 

उन्होंने कहा कि सेना का 68 फीसदी साजोसमान संग्रहालय में विरासत के रूप में रखने लायक हो गया है। इसमें मौजूदा समय में केवल 24 फीसदी साजोसमान इस्‍तेमाल करने लायक है, जबकि सेना के पास केवल 8 फीसदी साजोसमान ऐसा है जो पूरी तरह ‘स्टेट आफ द आर्ट’ यानी आधुनिक है। 

 

सेना के अधिकारी ने कहा कि सेना के पास मौजूद साजोसमान औसत एक तिहाई विंटेज श्रेणी से ज्‍यादा नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि 2018-19 के बजट ने हमारी उम्मीदों को धराशायी कर दिया है और जो कुछ मिला है वह वास्तव में थोड़ा सा है।  इस साल के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सेना को आधुनिकीकरण के लिए 21,338 करोड़ दिए थे जबकि सेना ने 37,000 करोड़ रुपये मांगे थे। 

 

सेना के अधिकारी ने कहा कि बजट में जो रुपये दिए गए है वह अपर्याप्त है। 125 चालू योजनाओं के लिए 29,000 करोड़ रुपये की जरूरत है और नई योजनाओं के लिए धनराशि नहीं है। 

 
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