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महाराष्ट्र सरकार किसानों की मांग के आगे झुकी, लिखित आश्‍वासन देंगे मुख्‍यमंत्री
By Deshwani | Publish Date: 12/3/2018 7:09:29 PM
महाराष्ट्र सरकार किसानों की मांग के आगे झुकी, लिखित आश्‍वासन देंगे मुख्‍यमंत्री

 मुंबई। सरकार कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर मुंबई में जमा किसानों की मांग मान ली है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को विधानसभा में किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और उनकी मांगों पर लिखित आश्‍वासन देने की बात कही. करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद सरकार ने उनकी मांगों को जायज ठहराते हुए स्‍वीकार करने की घोषणा की। 

 
महाराष्‍ट्र सरकार में आदिवासी विकास एवं जनकल्याण मंत्री वी सावरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसानों की शिकायत है कि जो उनकी जमीन है उसमें कम ही जमीन उनके नाम पर है, जितनी भी जमीन पर वे खेती कर रहे हैं वह उनके नाम पर होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह मांग मान ली है। मुख्य सचिव इसे देखेंगे और 6 महीने के अंदर इसे लागू किया जायेगा। 
 
वहीं सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए किसानों की सभी मांगों पर चर्चा किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा, 'किसानों की करीब 12-13 मांगें थीं जिनमें से कुछ हमने मांन ली हैं और उन पर हम लिखित ड्राफ्ट देंगे। मुझे लगता है कि वे हमारे फैसले से संतुष्ट हैं।' 
 
बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि उनकी सरकार उन किसानों और आदिवासियों की मांग के प्रति 'संवेदनशील और सकारात्मक' है जो प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं की तरफ खींचने के लिए नासिक से मुंबई चलकर आये हैं। फडणवीस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों की मांग बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'करीब 90 से 95 प्रतिशत प्रतिभागी गरीब आदिवासी हैं। वह वन्य भूमि अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। उनके पास जमीन नहीं है और वह खेती नहीं कर सकते। सरकार उनकी मांगों के प्रति संवेदनशील और सकारात्मक है।' 
 
दक्षिणी मुंबई का आजाद मैदान सोमवार सुबह हजारों किसानों के जमा होने से लाल हो गया। पिछले छह दिन से तपती धूप में 180 किलोमीटर की यात्रा कर यहां बहुत बड़ी तादाद में पहुंचे किसानों ने अपने हाथों में लाल झंडे थाम रखे हैं। किसान बिना किसी शर्त के कर्जमाफी की मांग करते हुए विधानसभा परिसर को घेरने वाले थे। कर्जमाफी के अलावा किसान, आदिवासी किसानों को वनभूमि हस्तांतरण करने की भी मांग कर रहे हैं। 
 
महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने रविवार को उपगनरीय मुंलुंड में इस मार्च का स्वागत करते हुए कहा था कि सरकार ने किसानों की पहले वाली मांगो को पूरा किया है और अब वह नयी मांगो पर भी विचार करेगी। राज्य में विपक्षी पार्टी राकांपा, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा शिव सेना ने भी किसानों की मांग का समर्थन किया है। 
 
मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिव सेना नेता आदित्य ठाकरे ने कल किसानों से मुलाकात की थी। पिछले साल नवंबर में राज्य सरकार ने कृषि कर्जमाफी की घोषणा करते हुए इसे महाराष्ट्र के इतिहास में सबसे बड़ी कर्जमाफी बताया था। पिछले महीने राज्य के राज्यपाल विद्यासागर राव ने राज्य विधानसभा को बताया था कि सरकार ने 31 लाख किसानों के बैंक खाते में 12,000 करोड़ रुपये हस्तांतरित की है। 
 
प्रदर्शनरत किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों की उत्पादन कुल लागत का डेढ़ गुना भुगतान किया जाए और इसी को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाए। ऐसी संभावना कम है कि सभी किसानों को आजाद मैदान से विधानसभा परिसर की ओर जाने दिया जायेगा लेकिन इन किसानों के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मिलने की इजाजत दी जाए। 
 
नासिक से मुंबई तक मार्च करते हुए आने वाले हजारों किसानों के विरोध प्रदर्शन को शिव सेना ने अपना समर्थन दिया। पार्टी ने कहा है कि वह किसानों के हाथों में लाल झंडे के बावजूद भी उन्हें समर्थन देगी। शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र को अलग राज्य बनाने के लिए हुए आंदोलन में वाम विचारधारा वाले नेताओं के आंदोलन को वह भूली नहीं है। 
 
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना' में कहा है, ‘यह संभव है कि सरकार किसानों को आश्वासन दे और यहां तक कि किसानों को भ्रम में डालने के लिए अपने कुछ मंत्रियों को भी वहां भेजे।' मुखपत्र में कहा गया है, ‘हालांकि, किसानों की दृढ़ता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह सरकार की इस चालबाजी में नहीं फसेंगे।'
 
 
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