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''भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018'' संसद में पेश, भगोड़ों से वसूली करने में मदद मिलेगी
By Deshwani | Publish Date: 12/3/2018 3:29:42 PM
''भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018'' संसद में पेश, भगोड़ों से वसूली करने में मदद मिलेगी

नई दिल्ली।  बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर फरार चल रहे नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से निपटने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। सरकार ने पीएनबी घोटाले से सबक लेते हुए दूसरे डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी की है। वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताव शुक्ल ने सोमवार को Fugitive Economic Offender Bill 2017 यानी 'भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018' लोकसभा में पेश किया। अब इसे कानून बनाने की तैयारी है। आपको बता दें, इस बिल को कैबिनेट से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। सूत्रों की मानें तो जिन लोगों पर 100 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है और वह देश से बाहर हैं तो ऐसे लोगों की संपत्ति कुर्क की जाएगी।

बिल के कानून बनने पर देश से लोन लेकर या आर्थिक हेरफेर के जरिए पैसा लेकर भागने वाले भगोड़ों से वसूली करने में मदद मिलेगी। इसमें सबसे पहले कोर्ट से उस व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किया जाएगा। इसके बाद उसकी देशी-विदेशी संपत्ति को कुर्क की जाएगी। हालांकि, ऐसा उन मामलों में होगा जिसमें 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का फ्रॉड हुआ हो। विदेशों में भी संपत्ति जब्त करने का अधिकार होगा, लेकिन उन देशों से सरकार को पहले बात करनी होगी।


कैबिनेट की बैठक में चार्टर्ड अकाउंटेंट को रेग्यूलेट करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए एक नई संस्था नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) का गठन भी शामिल था। हालांकि, बुधवार को इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। आज एक बार फिर कैबिनेट इस विषय पर चर्चा होगी। पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद सरकार चार्टर्ड अकाउंटेंट की निगरानी को लेकर गंभीर है।


पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद सरकार ने धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों का पता लगाने के लिए बैंकों को निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने बैंकों से 50 करोड़ रुपए से अधिक के सभी एनपीए खातों की जांच करने को कहा है। विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी देश से बाहर निकलने के बाद जांच एजेंसियों को अपने खिलाफ जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

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