दिल्ली विधानसभा की समिति की ओर से जारी नए नोटिस को मुख्य सचिव ने HC में चुनौती दी
नई दिल्ली। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर दिल्ली विधानसभा की समिति की ओर से उन्हें गुरुवार को पेश होने के लिए दिए गए नए नोटिस को चुनौती दी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए एकल पीठ के समक्ष सूचीबद्ध कर दिया। विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ समिति की ओर से नोटिस जारी किया गया है। प्रश्न और संदर्भ समिति ने प्रकाश से गुरुवार को दोपहर तीन बजे पेश होने को कहा है।
वकील विवेक चिब ने अदालत के समक्ष मामले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव की मुख्य याचिका में एकल न्यायाधीश से स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया था। अर्जी में प्रकाश ने विधानसभा की विशेषाधिकार समिति की ओर से जारी नोटिस को चुनौती दी है। वकील ने कहा कि विशेषाधिकार समिति ने पांच मार्च को अदालत के समक्ष यह वचन दिया था कि मुख्य सचिव से संबंधित मामले में समिति कार्यवाही नहीं करेगी, बावजूद इसके उन्हें नया नोटिस थमा दिया गया।
विशेषाधिकार समिति ने पांच मार्च को उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया था कि पैनल द्वारा बुलाई गुई बैठक में शामिल नहीं होने पर वह मुख्य सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। विधानसभा अध्यक्ष, प्रश्न एवं संदर्भ समिति और विशेषाधिकार समिति की ओर से पेश हुए वकील ने कहा था कि प्रकाश को दिए गए विशेषाधिकार नोटिस के संबंध में बैठक को अगले आदेश तक टाल दिया गया है।
नौकरशाह ने विशेषाधिकार समिति के नोटिस को चुनौती दी थी जो उन्हें 20 फरवरी की बैठक में नहीं आने के लिए जारी किया गया था और समिति के समक्ष पेश होने का आदेश दिया गया था। यह बैठक आप के दो विधायकों अमानतुल्लाह खान और प्रकाश जरवाल द्वारा उन पर कथित रूप से हमला करने के एक दिन बाद होनी थी। यह दोनों विधायक अब जेल में है। प्रकाश ने 21 फरवरी और 23 फरवरी की बैठक में भी शिरकत नहीं की थी जिसके बाद एक मार्च को नोटिस जारी किया गया।
अपनी अर्जी में मुख्य सचिव ने कहा था कि उन्हें पूछताछ के लिए विशेषाधिकार समिति के सामने पेश होने के लिए समन किया गया है लेकिन उन्हें शिकायत की प्रति नहीं दी गई है या इसपर अपनी प्रतिक्रिया देने का मौका नहीं दिया गया है। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने गृह मंत्रालय, उपराज्यपाल, आप सरकार, दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष और उसकी विशेषाधिकार समिति तथा प्रश्न एवं संदर्भ समिति को नोटिस जारी कर दो हफ्तों में जवाब मांगा था।