नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार (3 मार्च) को पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में आए चुनाव परिणामों और उनमें भाजपा को मिली भारी सफलता का परोक्ष उल्लेख करते हुए कहा कि वह इसे किसी एक पार्टी की जीत या अन्य पार्टी की हार के तौर पर नहीं देखते। उन्होंने कहा,‘‘महत्वपूर्ण यह है कि पूर्वोत्तर के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों ने एकीकरण का काम किया जिससे पूर्वोत्तर के लोगों में शेष देश से अलग थलग होने की भावना दूर हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आपने देखा कि परसों, पूरा देश होली के रंग में रंगा हुआ था। कल पूर्वोत्तर के नतीजों ने फिर एक बार पूरे देश में उत्सव का वातावरण बना दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसे एक पार्टी की जीत, एक पार्टी की हार के तौर पर नहीं देखता हूं। महत्वपूर्ण ये है कि पूर्वोत्तर के लोगों की खुशी में पूरा देश शामिल हुआ।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ उत्तर-पूर्व में आदिवासी भाई-बहनों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में एकतरफा मतदान करके नफरत की राजनीति को नकार दिया है।’’ प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के तुमकूर में एक युवा सम्मेलन को रविवार (4 मार्च) को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए यह बात कही। यह सम्मेलन स्वामी विवेकानन्द द्वारा शिकागो संबोधन के 125वें वर्ष और भगिनी निवेदिता के 150 वें जन्म वर्ष के अवसर पर आयोजित किया गया।
‘‘युवा शक्ति : भारत के लिए एक नई दृष्टि’’ विषय पर इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘युवा पीढ़ी से किसी भी प्रकार का संवाद हो, उनसे हमेशा कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए मैं यथासंभव प्रयास करता हूं कि युवाओं से ज्यादा से ज्यादा मिलूं, उनसे बात करूं, उनके अनुभव सुनूं। उनकी आशाएं, उनकी आकांक्षाएं जानकर, उनके मुताबिक कार्य कर सकूं, इसका मैं निरंतर प्रयत्न करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि तुमकूर का ये स्टेडियम इस समय हजारों विवेकानंद, हजारों भगिनी निवेदिता की ऊर्जा से दमक रहा है। हर तरफ केसरिया रंग इस ऊर्जा को और बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि रविवार (4 मार्च) के तीनों आयोजनों के केंद्र बिंदु स्वामी विवेकानंद हैं। कर्नाटक पर तो स्वामी विवेकानंद जी का विशेष स्नेह रहा है। अमेरिका जाने से पहले, कन्याकुमारी जाने से पहले वो कर्नाटक में कुछ दिन रुके थे। यहां तीर्थों की बात हो रही है, तो प्रौद्योगिकी की भी चर्चा है। यहां, ईश्वर की भी बात हो रही है और नए अभिनव प्रयासों की भी चर्चा है।